भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है। इस कटौती के बाद रेपो रेट 6.5 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी हो गया है। RBI ने पिछले 5 सालों में ऐसा फैसला पहली बार लिया है, इसके बाद से आने वाले दिनों में लोन तो सस्ते हो जाएंगे लेकिन फिक्स डिपाजिट (FD) की ब्याज दरें कम हो सकती हैं। अगर आप इस टाइम पर एफडी करने का प्लान कर रहे हैं तो यह एकदम सही टाइम हो सकता है, क्योंकि रेपो रेट गिरने से एफडी की भी इंटरेस्ट रेट कम हो सकती है। इसलिए अगर आप इस टाइम पर एफडी करवाते हैं तो मौजूदा रेट पर ही रिटर्न मिलेगा।
देश के 5 बैंक देते है FD पर इतना ब्याज
बैंक | 1 साल | 2 साल | 3 साल | 5 साल |
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स्टेट बैंक | 6.80% | 7.00% | 6.75% | 6.50% |
एचडीएफसी बैंक | 6.60% | 7.00% | 7.00% | 7.00% |
आईसीआईसीआई बैंक | 6.70% | 7.25% | 7.25% | 7.00% |
कोटक बैंक | 7.10% | 7.15% | 7.00% | 6.20% |
पंजाब नेशनल बैंक | 6.80% | 6.80% | 6.80% | 6.50% |
Note: ऊपर टेबल में दी गई FD ब्याज दरों में सीनियर सिटीजन के लिए 0.5 फ़ीसदी का एक्स्ट्रा बेनिफिट मिलता है।
FD करवाने के फायदे
- एफडी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इमरजेंसी होने पर आप FD पर लोन भी उठा सकते हैं। इसमें एफडी में इन्वेस्ट की गई रकम का 80 से 90% तक लोन मिल जाता है।
- एफडी शेयर मार्केट की तरह नहीं होती बल्कि इसमें जब आप निवेश करते हैं तो उसी समय पता चल जाता है की मैच्योरिटी पर आपको टोटल कितना पैसा वापस मिलेगा।
- अगर आप इमरजेंसी में एफडी पर लोन नहीं लेना चाहते तो आपको इसकी वैल्यू का 75 से 85% तक लिमिट वाला क्रेडिट कार्ड मिल जाता है।
FD कराते समय ये 3 बातें दिमाग में रखें
- अगर FD में पैसा डालने जा रहे है तो उससे पहले एक फिक्स टाइम तय कर लें क्योंकि एफडी की मैच्योरिटी से पहले उसे तुड़वाने पर 1% तक की पेनल्टी लगती है।
- एक एफडी में पैसा डालने से अच्छा है कि आप निवेश करने वाली अमाउंट को हिस्सों में तोड़कर अलग-अलग एफडी में जमा करवाए ताकि जरूरत के टाइम पर आप किसी भी एफडी को तोड़ सकते हैं और बाकी की सेफ रहेगी।
- 5 साल के लिए FD में पैसे निवेश करने पर टैक्स नहीं लगता है। इसके लिए इनकम टैक्स एक्ट के क्षेत्र 80C के तहत साल के 1.5 लाख रुपए तक की कटौती का दावा किया जा सकता है।