महाराष्ट्र सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से चार वर्षीय बीएड कोर्स (बीए बीएड और बीएससी बीएड) को बंद करने का निर्णय लिया है। अब इसकी जगह इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) लागू किया जाएगा। यह नया चार वर्षीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) के दिशा-निर्देशों के अनुसार तैयार किया गया है। अब छात्रों को इस नए कोर्स में दाखिले के लिए राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा देनी होगी, जिसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) आयोजित करेगी। पहले राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा के माध्यम से चार वर्षीय बीएड कोर्स में दाखिला मिलता था, लेकिन अब इसे रद्द कर दिया गया है।
राजस्थान में भी चार वर्षीय बीएड कोर्स बंद
महाराष्ट्र के अलावा राजस्थान सरकार ने भी इसी वर्ष से चार वर्षीय बीएड कोर्स को बंद करने का फैसला किया है। पहले राजस्थान में इस कोर्स में दाखिले के लिए प्री टीचर एजुकेशन टेस्ट (PTET) आयोजित किया जाता था, लेकिन अब यह परीक्षा नहीं होगी।
आईटीईपी के लिए आवेदन की अंतिम तिथि
आईटीईपी कोर्स में प्रवेश के लिए इच्छुक छात्र 16 मार्च 2025 तक exams.nta.ac.in/NCET वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। प्रवेश परीक्षा 29 अप्रैल 2025 को होगी। यह कोर्स आईआईटी, एनआईटी, आरआईई, केंद्रीय/राज्य विश्वविद्यालयों और सरकारी कॉलेजों में उपलब्ध होगा।
आईटीईपी से क्या फायदा होगा?
आईटीईपी करने वाले छात्रों को एक साल का लाभ मिलेगा। पहले बीएड करने के लिए तीन साल की ग्रेजुएशन और दो साल की बीएड करनी पड़ती थी, लेकिन अब यह चार साल में ही पूरा हो जाएगा। इस कोर्स के तहत छात्र बीए बीएड, बीएससी बीएड और बीकॉम बीएड कर सकते हैं।
2030 से शिक्षकों के लिए आईटीईपी अनिवार्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार, 2030 से शिक्षक बनने के लिए आईटीईपी कोर्स अनिवार्य होगा। इसका मतलब यह है कि भविष्य में सरकारी या निजी स्कूलों में वही लोग शिक्षक बन पाएंगे, जिन्होंने यह चार वर्षीय आईटीईपी कोर्स किया होगा।