दिल्ली विधानसभा चुनाव के शोरगुल और एग्जिट पोल के कयासों के बाद अब फैसला आने का समय करीब है। राजधानी की 70 विधानसभा सीटों के लिए वोटों की गिनती 8 फरवरी, शनिवार को सुबह 8 बजे से शुरू होगी। सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि दिल्ली की सत्ता पर किसका कब्जा होगा।
कहां और कैसे होगी मतगणना?
चुनाव आयोग ने मतगणना के लिए राजधानी के 11 जिलों में कुल 19 काउंटिंग सेंटर बनाए हैं। इन केंद्रों पर हर विधानसभा सीट के लिए अलग-अलग स्ट्रॉन्ग रूम तैयार किए गए हैं, जहां ईवीएम को कड़ी सुरक्षा में रखा गया है। सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने के लिए अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस को तैनात किया गया है। किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए काउंटिंग सेंटर के आसपास कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
चुनाव परिणाम कहां देखें?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे भारत चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट eci.gov.in और results.eci.gov.in पर देखे जा सकते हैं। इसके अलावा टीवी चैनलों, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और विभिन्न न्यूज़ वेबसाइटों पर भी लाइव अपडेट मिलेगा।
कौन-कौन हैं मैदान में?
इस बार दिल्ली में 70 विधानसभा सीटों पर कुल 699 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली। नई दिल्ली सीट पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भाजपा के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित के खिलाफ मैदान में उतरे, जबकि कालकाजी विधानसभा में मुख्यमंत्री पद की दावेदार आतिशी का मुकाबला कांग्रेस की अलका लांबा और भाजपा के रमेश बिधूड़ी से हुआ।
क्या कहते हैं एग्जिट पोल?
मतदान के बाद जारी हुए विभिन्न एग्जिट पोल में इस बार दिल्ली में बड़ा राजनीतिक उलटफेर होने की संभावनाएं जताई गई हैं। अधिकतर सर्वेक्षणों में आम आदमी पार्टी को पिछड़ता हुआ दिखाया गया है, जबकि बीजेपी को मामूली बढ़त मिलने के संकेत मिले हैं। हालांकि, एग्जिट पोल के नतीजे हमेशा सटीक नहीं होते, इसलिए असली तस्वीर 8 फरवरी को मतगणना के बाद ही साफ होगी।
दिल्ली की सत्ता पर किसका राज?
इस चुनाव में तीनों प्रमुख पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। बड़े नेताओं ने जमकर प्रचार किया और जनता से लुभावने वादे किए। आम आदमी पार्टी ने शिक्षा और स्वास्थ्य के अपने मॉडल को जनता के सामने रखा, तो बीजेपी ने भ्रष्टाचार और सुशासन को मुद्दा बनाया। वहीं कांग्रेस भी दिल्ली में अपनी खोई हुई जमीन तलाशने की कोशिश में जुटी रही।
अब देखने वाली बात यह होगी कि दिल्ली की जनता किसे अपना नेता चुनती है। क्या अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी एक बार फिर सत्ता में लौटेगी, या बीजेपी लंबे समय बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करेगी? या फिर कांग्रेस कोई चौंकाने वाला प्रदर्शन करेगी? इन सभी सवालों के जवाब अब कुछ ही घंटों में सामने आ जाएंगे।