जयपुर पुलिस ने किया बाइक चोर गिरोह का पर्दाफाश, तीन जिलों में मचाई थी दहशत

जयपुर की विधायकपुरी थाना पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए बाइक चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।

By Prithavi Raj

Published on:

9:37 AM

जयपुर। राजस्थान की राजधानी जयपुर में बाइक चोरी की घटनाओं को अंजाम देने वाले एक शातिर गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। विधायकपुरी थाना पुलिस ने इस गिरोह के दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह का मास्टरमाइंड एक नाबालिग निकला, जिसे पुलिस ने निरुद्ध कर लिया है।

पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि इस गिरोह ने अब तक 50 से ज्यादा बाइक चोरी की हैं। ये शातिर चोर जयपुर शहर के अलावा जयपुर ग्रामीण और अजमेर जिले में भी वारदातों को अंजाम देते थे। पूछताछ में इन बदमाशों ने कबूला कि वे खास तौर पर उन बाइकों को निशाना बनाते थे, जिनका हैंडल लॉक नहीं होता था। चोरी के बाद ये बाइक गांवों में औने-पौने दामों में बेच दी जाती थीं।

नाकाबंदी में फंसा मास्टरमाइंड, ऐसे चढ़े पुलिस के हत्थे

जयपुर (दक्षिण) के डीसीपी दिगंत आनंद ने बताया कि 9 मार्च को पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान गिरोह के सरगना नाबालिग को पकड़ लिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने फुलेरा (जयपुर ग्रामीण) के चेतन सैनी और गगन कुमावत को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इन बदमाशों के पास से चोरी की सात बाइक बरामद की हैं।

पुलिस को इनके खिलाफ एक अहम सुराग 7 मार्च को मिला, जब भरतपुर जिले के उच्चैन निवासी कमल सिंह ने बाइक चोरी की शिकायत दर्ज कराई। कमल सिंह की बाइक 6 मार्च को जयपुर के खासाकोठी इलाके से चोरी हुई थी। इस मामले की जांच करते हुए पुलिस टीम ने करीब 60 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले और बदमाशों की पहचान की।

पुलिस ने अपनी कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए फुलेरा, नरैना, आसलपुर और जोबनेर में संदिग्ध ठिकानों पर दबिश दी। इस दौरान करीब 30-35 लोगों से पूछताछ की गई, जिसके बाद इन शातिर चोरों को दबोच लिया गया।

तीन जिलों में फैला था गिरोह, अगस्त 2024 से दे रहे थे वारदातों को अंजाम

पुलिस पूछताछ में इन बदमाशों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। ये चोर अगस्त 2024 से अब तक जयपुर रेलवे स्टेशन, सवाई मानसिंह अस्पताल, बिंदायका और अजमेर जिले से कई बाइक चुरा चुके थे। इन्होंने कबूल किया कि 50 से ज्यादा बाइक अलग-अलग जगहों से चोरी कर चुके हैं।

बदमाश चोरी की बाइक को गांवों में सस्ते दामों पर बेचते थे। अधिकतर बाइक 15 से 20 हजार रुपए में बेच दी जाती थी, जबकि छोटी बाइक 5 से 7 हजार रुपए में निकाल दी जाती थी। इनकी योजना इतनी शातिर थी कि वे कभी भी एक ही इलाके में बार-बार चोरी नहीं करते थे, जिससे पुलिस को गुमराह किया जा सके।

बिना लॉक वाली बाइक बनती थी आसान शिकार

इस गिरोह के निशाने पर खास तौर पर वे मोटरसाइकिलें होती थीं, जिनका हैंडल लॉक नहीं होता था। ये बदमाश पहले रेकी करते थे और फिर प्लग हटाकर बाइक स्टार्ट कर फरार हो जाते थे। चोरी के बाद बाइक को अपने दोस्तों के जरिए गांवों में बेचा जाता था।

पुलिस के मुताबिक, इन चोरों का नेटवर्क काफी फैला हुआ था, लेकिन अब इनके पकड़े जाने के बाद उम्मीद है कि बाइक चोरी की घटनाओं में कमी आएगी।

Prithavi Raj

मैं राजस्थान के सीकर जिले का रहने वाला हूँ और LLB की हुई हैं। वकील होने के साथ-साथ मुझे लोकल न्यूज़ पढ़ना और लिखना काफी पसंद है। मैंने 7 साल से कई बड़े न्यूज़ पोर्टल पर अपना योगदान दिया है।

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