भारत में धीरे-धीरे ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश में इस वायरस से संक्रमित कुल 15 मामले सामने आ चुके हैं। सबसे हालिया मामला असम के डिब्रूगढ़ में 10 महीने के बच्चे का है, जिसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा अब स्थिर स्थिति में है और घबराने की जरूरत नहीं है।
इस वायरस के शुरुआती मामले चीन से सामने आए थे। अब यह वायरस भारत समेत कई अन्य देशों में भी फैल चुका है। चीन ने इस बात का दावा किया है कि उनके अस्पतालों में भर्ती अधिकांश मरीज सामान्य फ्लू से ग्रस्त हैं। लेकिन एचएमपीवी के लक्षण सामान्य फ्लू और कोविड-19 से काफी मिलते-जुलते हैं, जिससे भ्रम की स्थिति बन रही है।
भारत में HMPV के मामले
अब तक HMPV के केस में गुजरात सबसे आगे है क्योंकि इसमें अभी तक चार मामले सामने आए हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र में तीन, कर्नाटक और तमिलनाडु में दो-दो और यूपी, राजस्थान, असम तथा पश्चिम बंगाल में एक-एक मामला दर्ज किया गया है। वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए पंजाब, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों ने गाइडलाइन जारी की है और मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस छोटे बच्चों पर अधिक असर डाल रहा है। विशेष रूप से दो साल से कम उम्र के बच्चों में इसके लक्षण गंभीर हो सकते हैं। संक्रमित बच्चों में सर्दी, बुखार और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण देखे गए हैं।
केंद्र सरकार की तैयारी
HMPV के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। 4 जनवरी को एक जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक आयोजित की गई, जिसमें सरकार ने कहा कि सर्दी के मौसम में फ्लू जैसी बीमारियों का फैलना असामान्य नहीं है। चीन में संक्रमण की स्थिति पर भी बारीकी से नजर रखी जा रही है और इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
सिक्किम सरकार की गाइडलाइन
सिक्किम राज्य चीन के साथ लगभग 200 किलोमीटर की सीमा साझा करता है, इसलिए वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एडवाइजरी जारी की है। राज्य सरकार ने नागरिकों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनने और सावधानी बरतने की सलाह दी है।
सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे इस वायरस से बचने के लिए सतर्क रहें। नियमित हाथ धोना, मास्क पहनना और भीड़भाड़ से बचना संक्रमण रोकने में मदद कर सकता है। अगर किसी में सर्दी-जुकाम या बुखार के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।