दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को एक और बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा देने वाले आठ विधायकों ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। इनके साथ ही कई अन्य नेता और पदाधिकारी भी बीजेपी में शामिल हो गए, जिससे दिल्ली की राजनीति में हलचल मच गई है।
कौन-कौन हुए भाजपा में शामिल?
भाजपा में शामिल होने वालों में पालम से दो बार की विधायक भावना गौड़, कस्तूरबा नगर से तीन बार के विधायक मदनलाल, मादीपुर से तीन बार के विधायक गिरीश सोनी, जनकपुरी से दो बार के विधायक राजेश ऋषि, बिजवासन से विधायक भूपेंद्र जून, महरौली से दो बार के विधायक नरेश यादव, आदर्श नगर से दो बार के विधायक पवन शर्मा और त्रिलोकपुरी के युवा विधायक रोहित मेहरौलिया हैं।
इनके अलावा, खादी बोर्ड के चेयरमैन और राजेंद्र नगर के पूर्व विधायक विजेंद्र गर्ग, निगम पार्षद अजय राय और पालम विधानसभा के अध्यक्ष संदीप चौधरी ने भी अपने समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इन सभी नेताओं ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए भाजपा के पक्ष में चुनाव प्रचार करने का ऐलान किया।
केजरीवाल पर नेताओं का हमला
भाजपा में शामिल होते ही इन नेताओं ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर सीधा हमला बोला। बिजवासन के विधायक भूपेंद्र जून ने कहा कि आम आदमी पार्टी जिन मूल्यों पर बनी थी, अब उनसे पूरी तरह भटक चुकी है। वहीं महरौली के विधायक नरेश यादव ने कहा कि पार्टी अब भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है और ईमानदार कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
इस दौरान भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी बैजयंत जय पांडा और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा भी मौजूद रहे। पांडा ने कहा कि दिल्ली की जनता अब ‘आप-दा’ से मुक्त होना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार पिछले 12 सालों से सिर्फ झूठे वादे कर रही है और जनता को ठगने का काम किया है।
आप ने भाजपा पर लगाया विधायकों को खरीदने का आरोप
आम आदमी पार्टी ने इस राजनीतिक घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा पर विधायकों को खरीदने का आरोप लगाया है। पार्टी ने दावा किया कि भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर इन विधायकों पर दबाव डाला और प्रलोभन देकर पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया।
वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडे और विधायक ऋतुराज झा ने इस्तीफा देने वाले विधायकों की आलोचना करते हुए कहा कि सिर्फ टिकट न मिलने की वजह से पार्टी छोड़ देना सही नहीं है। झा ने कहा कि उन्हें भी इस बार टिकट नहीं मिला, लेकिन वह आम आदमी पार्टी के सच्चे सिपाही के रूप में पार्टी के साथ बने रहेंगे।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस्तीफे
इस्तीफा देने वाले विधायकों के त्यागपत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इनमें कई विधायकों ने कहा कि पार्टी ने उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया था, जबकि वे पिछले कई सालों से पूरी ईमानदारी के साथ जनता की सेवा कर रहे थे।
कस्तूरबा नगर के विधायक मदनलाल ने कहा कि उन्होंने और छह अन्य विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल को अपना त्यागपत्र भेज दिया है। उन्होंने कहा कि अब पार्टी में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी, इसलिए उन्होंने भाजपा में जाने का फैसला किया।
क्या चुनाव पर पड़ेगा असर?
दिल्ली में 5 फरवरी को मतदान होना है और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। ऐसे में आम आदमी पार्टी से एक के बाद एक विधायकों का इस्तीफा देना और भाजपा में शामिल होना केजरीवाल सरकार के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।