केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है, जिसका मकसद शिक्षकों को आधुनिक और प्रभावी शिक्षण तकनीकों से लैस करना है। नई शिक्षा नीति (एनईपी 2020) के तहत, बोर्ड ने शिक्षकों के लिए अनिवार्य प्रशिक्षण ढांचा लागू किया है, जिसमें इस साल की थीम रखी गई है ‘STEM एजुकेशन’। इसका उद्देश्य बच्चों को किताबी ज्ञान से आगे ले जाकर प्रयोगात्मक, अनुसंधान-आधारित और बहु-विषयक दृष्टिकोण से सीखने का मौका देना है। 17 अप्रैल 2025 को सीबीएसई ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट www.cbse.gov.in पर इस संबंध में एक विस्तृत नोटिस जारी किया, जिसमें इस पहल की पूरी जानकारी दी गई है।
STEM यानी साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स। यह एक ऐसा शिक्षण तरीका है, जो बच्चों को केवल किताबें रटने के बजाय समस्याओं को हल करने, प्रयोग करने और रचनात्मक सोच विकसित करने की ओर ले जाता है। सीबीएसई का मानना है कि STEM शिक्षा आज की तेजी से बदलती दुनिया में बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करेगी। इस प्रशिक्षण के जरिए शिक्षकों को ऐसी रणनीतियां सिखाई जाएंगी, जिनसे वे कक्षा में बच्चों को प्रोजेक्ट-आधारित और इंटरैक्टिव तरीके से पढ़ा सकें। उदाहरण के लिए, गणित को रोचक बनाने के लिए शिक्षक बच्चों को वास्तविक जीवन की समस्याओं से जोड़ सकते हैं, जैसे बजट बनाना या डिजाइन प्रोजेक्ट्स।
शिक्षकों के लिए नया लक्ष्य
सीबीएसई ने अपने सभी संबद्ध स्कूलों के शिक्षकों के लिए हर साल कम से कम 50 घंटे का प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया है। यह प्रशिक्षण दो हिस्सों में होगा। पहले हिस्से में 25 घंटे का प्रशिक्षण सीबीएसई या सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों के जरिए होगा, जबकि बाकी 25 घंटे स्कूल परिसर में या इन-हाउस आयोजित किए जाएंगे। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय शिक्षक व्यावसायिक मानक (एनपीएसटी) के आधार पर तैयार किया गया है, जो शिक्षकों को निम्नलिखित क्षेत्रों में मजबूत बनाएगा:
- मूल मूल्य और नैतिकता: शिक्षकों को बच्चों में नैतिकता और मूल्यों को विकसित करने के लिए 12 घंटे का प्रशिक्षण।
- ज्ञान और शिक्षण अभ्यास: कक्षा में प्रभावी शिक्षण के लिए 24 घंटे का प्रशिक्षण।
- व्यावसायिक विकास: शिक्षकों की प्रगति और स्कूल की बेहतरी के लिए 14 घंटे का प्रशिक्षण।
इसके अलावा, शिक्षकों को बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन, प्रैक्टिकल परीक्षाओं और अन्य जिम्मेदारियों के बारे में भी प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे इन कार्यों को और बेहतर तरीके से निभा सकें।
स्कूलों को मिले सख्त निर्देश
सीबीएसई ने 1 अप्रैल 2025 को स्कूलों के प्रमुखों और शिक्षकों के लिए दो महत्वपूर्ण अधिसूचनाएं जारी की थीं, जिनमें इस नए प्रशिक्षण ढांचे की जानकारी दी गई। बोर्ड ने सभी स्कूलों को इन दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है। साथ ही, बोर्ड ने स्कूलों से जिला स्तर पर एनटीईएम शिक्षा पर विचार-विमर्श सत्र आयोजित करने को कहा है। इन सत्रों का मकसद स्थानीय स्तर पर शिक्षकों का एक ऐसा समुदाय बनाना है, जहां वे STEM शिक्षण के तरीकों पर खुलकर चर्चा कर सकें और एक-दूसरे से सीख सकें। इससे न केवल शिक्षकों का आत्मविश्वास बढ़ेगा, बल्कि बच्चों को भी इसका सीधा फायदा मिलेगा।
