8th Pay Commission Fitment Factor: केंद्र सरकार द्वारा आठवें वेतन आयोग को मंजूरी मिलने के बाद सरकारी कर्मचारियों में खुशी की लहर है। इस फैसले को लेकर पूरे देश में चर्चा हो रही है, आखिर चर्चा तो होनी ही है क्योंकि आठवें वेतन आयोग के आ जाने के बाद कर्मचारियों की किस्मत खुल जाएगी। आठवें वेतन आयोग के तहत वेतन बढ़ोतरी का आधार फिटमेंट फैक्टर होगा। जब मोदी सरकार ने सातवें वेतन आयोग को लागू किया था, तब न्यूनतम बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो गई थी। यह इजाफा 2.57 के फिटमेंट फैक्टर के आधार पर हुआ था। छठे वेतन आयोग के दौरान यह फैक्टर 1.86 था, जिससे सैलरी में दोगुने से थोड़ा कम इजाफा हुआ था। अब आठवें वेतन आयोग में यह फिटमेंट फैक्टर बढ़कर 2.86 या अधिक हो सकता है।
फिटमेंट फैक्टर कैसे बढ़ाता है सैलरी?
फिटमेंट फैक्टर सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन और पेंशन में सुधार के लिए काम में लिया जाने वाला आधार है। यह कर्मचारी की बेसिक सैलरी को एक गुणक (मल्टीप्लायर) से बढ़ाकर नए वेतनमान में समायोजित करता है। अगर किसी बात को उदाहरण देकर समझे तो सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था। यदि किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15,000 रुपये है, तो इस फैक्टर के आधार पर नई सैलरी 38,550 रुपये हो जाती है। इसी तरह अगर आठवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 तय किया जाता है, तो 18,000 रुपये की न्यूनतम सैलरी बढ़कर 51,480 रुपये हो जाएगी। वहीं पेंशनभोगियों की न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये से बढ़कर 25,740 रुपये हो सकती है।
कब लागू होगा आठवां वेतन आयोग?
सभी न्यूज़ रिपोर्ट्स की माने तो जनवरी में सातवें वेतन आयोग की समय-सीमा समाप्त हो रही है और उसके बाद जनवरी 2026 से आठवां वेतन आयोग लागू हो सकता है। इसके लिए सरकार जल्द ही आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के नाम घोषणा करने वाली है। इसके बाद सभी राज्य की सरकारों और सरकारी विभागों से बातचीत करके आयोग की सिफारिशों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
फिटमेंट फैक्टर कैसे तय होता है?
फिटमेंट फैक्टर तय करने के दौरान सरकार की आर्थिक स्थिति, महंगाई दर और सभी कर्मचारियों की जरूर को देखा जाता है। वेतन आयोग सभी पहलुओं का विश्लेषण करने के बाद एक उचित गुणक तय करता है। यह गुणक कर्मचारियों की सैलरी को नए वेतनमान में समायोजित करता है। सातवें वेतन आयोग ने 2.57 का फैक्टर तय किया था, जिससे न्यूनतम सैलरी में बड़ा इजाफा हुआ। आठवें वेतन आयोग में इस फैक्टर को और बढ़ाने की उम्मीद है, ताकि कर्मचारियों को महंगाई के साथ तालमेल बिठाने में मदद मिल सके।