देश के सबसे बड़े निजी बैंक एचडीएफसी बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए एक बड़ी खबर दी है। बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और बचत खातों पर मिलने वाली ब्याज दरों में कटौती कर दी है। यह बदलाव 19 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो गया है। एफडी पर ब्याज दरों में अधिकतम 50 बेसिस पॉइंट्स (0.50%) तक की कमी की गई है, जो 3 करोड़ रुपये से कम की जमा राशि पर लागू होगी। इसके अलावा बचत खातों की ब्याज दरों में भी 25 बेसिस पॉइंट्स (0.25%) की कटौती की गई है। यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा फरवरी और अप्रैल 2025 में रेपो रेट में की गई 0.25% की कटौती के बाद उठाया गया है।
फिक्स्ड डिपॉजिट की नई ब्याज दरें
एचडीएफसी बैंक ने अलग-अलग अवधि की एफडी के लिए ब्याज दरों में बदलाव किया है। अब सामान्य ग्राहकों को 3% से 7.10% तक ब्याज मिलेगा, जबकि वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक) के लिए यह दर 3.5% से 7.55% तक होगी। कुछ खास अवधियों में ब्याज दरों में कमी इस प्रकार है:
- 15 महीने से 18 महीने: इस अवधि की एफडी पर ब्याज दर 7.10% से घटकर 7.05% हो गई है, यानी 5 बेसिस पॉइंट्स की कटौती।
- 18 महीने से 21 महीने: यहां ब्याज दर 7.25% से घटकर 7.05% हो गई है, जो 20 बेसिस पॉइंट्स की कमी है।
- 2 साल 1 दिन से 3 साल से कम: इस अवधि में ब्याज दर 7% से 6.90% हो गई है, यानी 10 बेसिस पॉइंट्स की कटौती।
- 3 साल 1 दिन से 5 साल से कम: ब्याज दर 7% से घटकर 6.75% हो गई है, जो 25 बेसिस पॉइंट्स की कमी है।
- 5 साल 1 दिन से 10 साल: सबसे ज्यादा कटौती इस अवधि में हुई है, जहां ब्याज दर 7% से घटकर 6.50% हो गई है, यानी 50 बेसिस पॉइंट्स की कमी।
इसमें एक साल की एफडी की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। सामान्य ग्राहक 6.60% और वरिष्ठ नागरिक 7.10% की दर पर एक साल की एफडी बुक कर सकते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए 15 से 18 महीने की एफडी सबसे आकर्षक है, क्योंकि इस पर 7.55% का ब्याज मिलेगा।
स्पेशल एडिशन एफडी स्कीम बंद
एचडीएफसी बैंक ने अपनी स्पेशल एडिशन एफडी स्कीम को भी 1 अप्रैल 2025 से बंद कर दिया है। इस स्कीम के तहत ग्राहकों को सामान्य एफडी से ज्यादा ब्याज मिलता था, खासकर 35 महीने और 55 महीने की अवधि के लिए। इस स्कीम के बंद होने और ब्याज दरों में कटौती से उन निवेशकों को झटका लगा है।
बचत खाते पर भी ब्याज दरें घटीं
एफडी के अलावा, बैंक ने बचत खातों पर मिलने वाली ब्याज दरों में भी कटौती की है। यह बदलाव 12 अप्रैल 2025 से लागू हो चुका है। अब 50 लाख रुपये से कम बैलेंस वाले खातों पर ब्याज दर 3% से घटकर 2.75% हो गई है। वहीं, 50 लाख रुपये या उससे ज्यादा बैलेंस वाले खातों पर ब्याज दर 3.50% से घटकर 3.25% हो गई है। यह कटौती तीन साल बाद की गई है, जिससे बचत खाता धारकों को भी कम रिटर्न मिलेगा।
क्यों हुई ब्याज दरों में कटौती?
इस कटौती के पीछे का प्रमुख कारण आरबीआई की मौद्रिक नीति में बदलाव है। फरवरी और अप्रैल 2025 में आरबीआई ने रेपो रेट में 0.25% की कमी की, जिसके बाद बैंकों पर ब्याज दरें कम करने का दबाव बढ़ा। रेपो रेट वह दर है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। जब रेपो रेट कम होता है, तो बैंकों की उधार लेने की लागत घटती है, जिसका असर उनकी जमा योजनाओं और कर्ज की ब्याज दरों पर पड़ता है।