Fastag New Rule: फास्टैग से जुड़े नए नियम आज 17 फरवरी 2025 से लागू हो गए हैं और इसके बाद अभी वाहन मालिकों को सतर्क रहने की जरूरत है। नैशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने फास्टैग सिस्टम को और भी काम का बनाने के लिए कई बदलाव किए हैं। नए नियमों के हिसाब से अगर फास्टैग इनएक्टिव रहता है, कम बैलेंस होता है या भुगतान में देरी होती है तो वाहन मालिकों को जुर्माना भरना पड़ सकता है। सरकार इन नए नियमों से टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी कतारों को कम करना चाहती है।
फास्टैग के नए नियम
नए नियमों के अनुसार यदि कोई वाहन टोल पार करने से 60 मिनट पहले निष्क्रिय रहता है और टोल पार करने के 10 मिनट बाद तक भी सक्रिय नहीं होता है तो उसका भुगतान अपने आप ही अस्वीकार कर दिया जाएगा। इस स्थिति में सिस्टम एरर कोड 176 दिखाएगा। इसके अलावा यदि टोल पार करने के 15 मिनट के भीतर भुगतान नहीं होता है तो वाहन मालिक को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है। पहले वाहन चालक टोल बूथ पर ही फास्टैग रिचार्ज कर सकते थे, लेकिन अब इसे पहले से रिचार्ज कराना अनिवार्य कर दिया गया है।
यदि लेन-देन में देरी होती है और फास्टैग खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं होता है, तो टोल ऑपरेटर को जिम्मेदार माना जाएगा। अगर किसी कारण से राशि कट जाती है, तो वाहन मालिक 15 दिनों के बाद इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इससे पहले टोल बूथ पर फास्टैग को रिचार्ज करने की अनुमति थी, लेकिन अब वाहन मालिकों को अपनी पहले ही फास्टैग में पर्याप्त बैलेंस रखना होगा।