Rajasthan Board Copy Rechecking: राजस्थान बोर्ड कॉपी रिचेकिंग की नई सुविधा, पहली बार लागू हुआ यह नया नियम 

राजस्थान बोर्ड के लाखों छात्रों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अब परीक्षा के नतीजों से असंतुष्ट छात्रों को सिर्फ नंबरों की गिनती (रिटोटलिंग) ही नहीं बल्कि उत्तर पुस्तिका की दोबारा जांच यानी रिचेकिंग का मौका भी मिलेगा।

By Ashu Choudhary

Published on:

8:33 AM

Rajasthan Board Copy Rechecking: राजस्थान बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी और खुशहाल खबर सामने आई है। अब बोर्ड परीक्षाओं में अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच को लेकर असंतुष्ट छात्रों को न केवल रिटोटलिंग बल्कि रिचेकिंग का विकल्प भी मिलेगा। यह नई पहल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के निर्देश पर शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य छात्रों को उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन दिलाना है। फिलहाल यह सुविधा पायलट प्रोजेक्ट के तहत केवल 10वीं कक्षा के गणित विषय के लिए लागू की जाएगी, लेकिन अगर यह प्रयोग सफल रहा तो भविष्य में इसे सभी विषयों और कक्षाओं के लिए लागू किया जा सकता है। 

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) ने इस साल विश्वविद्यालयों की तर्ज पर उत्तर पुस्तिकाओं की रिचेकिंग की सुविधा शुरू करने का फैसला किया है। अभी तक छात्रों को केवल रिटोटलिंग का विकल्प मिलता था, जिसमें सिर्फ अंकों की गिनती दोबारा की जाती थी। लेकिन अब रिचेकिंग के जरिए छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं का दोबारा मूल्यांकन होगा। यह सुविधा खास तौर पर उन छात्रों के लिए राहत भरी है, जो मानते हैं कि उनके उत्तरों का सही मूल्यांकन नहीं हुआ। इस साल यह व्यवस्था सिर्फ 10वीं कक्षा के गणित विषय तक सीमित रहेगी, ताकि इसकी प्रक्रिया और परिणामों का आकलन किया जा सके।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने इस पहल को छात्र हित में बताया है। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि वे सीबीएसई और अन्य बोर्डों की रिचेकिंग प्रक्रिया का भी अध्ययन कर रहे हैं, ताकि इसे और बेहतर बनाया जा सके। जल्द ही रिचेकिंग के नियमों में भी कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

रिटोटलिंग और रिचेकिंग में क्या है अंतर?

रिटोटलिंग और रिचेकिंग दो अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं, जिन्हें समझना जरूरी है। रिटोटलिंग में केवल उत्तर पुस्तिका में दिए गए अंकों को दोबारा जोड़ा जाता है। अगर गणना में कोई गलती पाई जाती है, तो अंकों को सुधारकर नई मार्कशीट जारी की जाती है। इसके साथ ही गलत गणना करने वाले परीक्षक पर कार्रवाई भी हो सकती है।

दूसरी ओर, रिचेकिंग एक गहरी प्रक्रिया है। इसमें छात्र द्वारा दर्ज की गई आपत्ति के आधार पर पूरी उत्तर पुस्तिका का दोबारा मूल्यांकन किया जाता है। अगर किसी सवाल के उत्तर में अंक कम या ज्यादा दिए गए हैं, तो उन्हें घटाया या बढ़ाया जा सकता है। इसके बाद नई मार्कशीट जारी की जाती है। यह प्रक्रिया उन छात्रों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जिन्हें लगता है कि उनके उत्तरों को ठीक से नहीं जांचा गया।

छात्रों की लंबे समय की मांग पूरी

पिछले कई सालों से राजस्थान बोर्ड के छात्र और उनके अभिभावक कॉपी रिचेकिंग की सुविधा की मांग करते आ रहे थे। उनका कहना था कि रिटोटलिंग में सिर्फ अंकों की गिनती होती है, लेकिन कई बार उत्तरों की जांच में भी गलतियां हो सकती हैं। छात्रों का मानना था कि उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हो पाता। इस मांग को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने रिचेकिंग की सुविधा शुरू करने का फैसला किया है।

फिलहाल यह सुविधा केवल 10वीं कक्षा के गणित विषय के लिए है, लेकिन बोर्ड का कहना है कि अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा, तो इसे धीरे-धीरे सभी विषयों और कक्षाओं के लिए लागू किया जाएगा। यह कदम निश्चित रूप से छात्रों के भरोसे को बढ़ाएगा और बोर्ड की पारदर्शिता को मजबूत करेगा।

कितने छात्र थे बोर्ड परीक्षा में पंजीकृत कब होगा परिणाम जारी 

इस साल राजस्थान बोर्ड की परीक्षाओं में करीब 19 लाख 98 हजार 509 छात्रों ने हिस्सा लिया है। इसमें से 10वीं कक्षा के लिए 10 लाख 16 हजार 963 छात्र पंजीकृत हैं। 10वीं बोर्ड की परीक्षाएं 6 मार्च से 4 अप्रैल 2025 तक चलीं, जबकि 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं 6 मार्च से 7 अप्रैल 2025 तक आयोजित की गईं। बोर्ड के परिणाम मई 2025 के दूसरे या तीसरे सप्ताह में घोषित होने की उम्मीद है।

रिजल्ट के बाद अगर कोई छात्र अपने अंकों से संतुष्ट नहीं है, तो वह रिटोटलिंग या रिचेकिंग के लिए आवेदन कर सकता है। खास तौर पर गणित के छात्रों के लिए रिचेकिंग का विकल्प एक नया अवसर लेकर आएगा।

Ashu Choudhary

मेरा नाम आशु चौधरी है और मैं पिछले 5 साल से शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा हूं। इस समय में Janata Times 24 जैसे बड़े प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से सरकारी नौकरी और योजनाओं की लेटेस्ट जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहा हूं।

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