राजस्थान में आगामी 27 और 28 फरवरी को आयोजित होने वाली राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) का सफलतापूर्वक आयोजन कराने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है। परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता न हो, इसके लिए जयपुर के एक निजी विद्यालय में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी और पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में केंद्र अधीक्षकों, अतिरिक्त केंद्र अधीक्षकों, प्रश्न पत्र समन्वयकों और ओएमआर समन्वयकों को परीक्षा संचालन से जुड़े आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया कि परीक्षा के दौरान किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।
बैठक के बाद जिला कलक्टर और पुलिस आयुक्त ने स्ट्रांग रूम का दौरा किया और परीक्षा से संबंधित सुरक्षा इंतजामों का बारीकी से जायजा लिया। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि परीक्षा की गोपनीयता बनी रहे और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कड़े सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।
परीक्षा के दौरान पेपर लीक, नकल या अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वालों पर राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों के उपयोग की रोकथाम) अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहता है कानून?
- अधिनियम के धारा 10(1) के तहत तीन साल तक की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि आरोपी जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे 9 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
- धारा 10(2) में यह प्रावधान है कि दोषियों को 10 साल तक की जेल या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। साथ ही, 10 लाख से 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। जुर्माना न भरने की स्थिति में 5 साल की अतिरिक्त सजा दी जाएगी।
- संगीन अपराध करने वाले आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने और अधिग्रहण करने का भी प्रावधान किया गया है।