RSMSSB CET: कर्मचारी चयन बोर्ड की 2 गलतियां CET को बना गई बेकार, अब क्या होगा आगे

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) के अध्यक्ष आलोक राज ने सीईटी ग्रेजुएशन रिजल्ट जारी होने के बाद कहा की CET कराने के बावजूद भी हमारा लक्ष्य आधा अधूरा रह गया।  

By Ashu Choudhary

Published on:

8:38 AM

RSMSSB CET Graduation Level Exam Result:  राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) की ओर से राजस्थान सीईटी ग्रेजुएशन परीक्षा का आयोजन सफलता पूर्ण करवाया गया। इस परीक्षा के सफलतापूर्ण आयोजन के बाद जब इस परीक्षा का परिणाम जारी किया गया तब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष की ओर से कहा गया कि सीईटी एग्जाम कराने का हमारा मकसद आधा अधूरा रह गया। बोर्ड का कहना है कि जिस मकसद से हमने सीईटी आयोजित करवाई थी वह सफल नहीं हो सकी। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने इस बात को स्वीकार किया है। 

जानकारी के मुताबिक बता दें कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने हाल ही में बुधवार को सम्मान पात्रता परीक्षा (सीईटी) ग्रेजुएशन लेवल का परिणाम जारी किया था। इस परिणाम को जब जारी किया गया था उसमें 40 फ़ीसदी से ज्यादा अंक लाने वाले 8,78069 परीक्षार्थी पास हो गए हैं। यानी इस परीक्षा में शामिल होने वाले 75% अभ्यर्थी इस परीक्षा में पास हो चुके हैं। आप सभी को यह तो पता है इस परीक्षा में अबकी बार नेगेटिव मार्किंग को हटा दिया गया था।   इसके अलावा इस परीक्षा में शामिल होने वाले परीक्षार्थी अगर इस परीक्षा में 40% अंक प्राप्त कर लेते हैं तो उनको सरकारी सेवाओं के लिए होने वाली भर्ती परीक्षा में शामिल किया जाएगा।  इसीलिए कहा जा रहा है कि इस परीक्षा में इतने परीक्षार्थी सफल हो पाए हैं जबकि सामान पात्रता परीक्षा एक स्क्रीनिंग परीक्षा आयोजित की जाती है। 

CET परीक्षा का उद्देश्य अधूरा रह गया

इतनी ज्यादा परीक्षार्थियों को पास देखते हुए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने कहा  “हमारा मुख्य उद्देश्य पूरी तरह हासिल नहीं हो पाया। यदि नेगेटिव मार्किंग हटाने का फैसला नहीं लेते या न्यूनतम योग्यता प्रतिशत 40% से अधिक रखते, तो स्थिति अलग हो सकती थी।” चयन बोर्ड के सचिव डॉ. भाग चंद बधाल ने बताया कि ग्रेजुएशन लेवल CET में कुल 11,64,726 अभ्यर्थियों में से 8,78,069 पास हुए, यानी लगभग 75% सफलता दर रही। इससे CET कराने का मूल उद्देश्य ही कमजोर पड़ गया।

चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने आगे कहा हम भविष्य में CET परीक्षा प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसके लिए कार्मिक विभाग से चर्चा की जा रही है ताकि भर्ती प्रक्रिया को ज्यादा सुगम और परिणामदायी बनाया जा सके।

उन्होंने आगे प्रस्ताव दिया कि स्नातक स्तर की CET पास कर चुके अभ्यर्थियों को दोबारा सेकेंडरी स्तर की CET देने से छूट दी जाए ताकि भर्ती प्रक्रिया सरल और तर्कसंगत बन सके। साथ ही परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के एक निश्चित प्रतिशत को ही क्वालिफाई करने का नियम लागू किया जा सकता है जिससे मेरिट प्रणाली मजबूत होगी।

नेगेटिव मार्किंग हटाने का कारण

नेगेटिव मार्किंग हटाने पर उठ रहे सवालों पर उन्होंने स्पष्ट किया कई अनुभवी सहयोगियों ने बताया कि यदि नेगेटिव मार्किंग लागू रहती तो कुछ वंचित वर्गों के उम्मीदवार परीक्षा पास नहीं कर पाते जिससे उनकी सीटें रिक्त रह जातीं। यह एक गंभीर समस्या थी और इसी कारण हमने नेगेटिव मार्किंग को हटाने का निर्णय लिया ताकि सभी वर्गों को समान अवसर मिल सके।

उन्होंने यह भी कहा कि आगे की CET परीक्षाओं में सुधार के लिए नए सुझावों पर विचार किया जा रहा है ताकि भर्ती प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष और प्रभावी बन सके।

Ashu Choudhary

मेरा नाम आशु चौधरी है और मैं पिछले 5 साल से शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा हूं। इस समय में Janata Times 24 जैसे बड़े प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से सरकारी नौकरी और योजनाओं की लेटेस्ट जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहा हूं।

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