Old Pension Scheme 2025: झारखंड के सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर आई है। पुरानी पेंशन योजना (OPS) को लेकर नया अपडेट जारी किया गया है। जिन कर्मचारियों ने अब तक इस योजना के लिए आवेदन नहीं किया है, उन्हें राज्य सरकार एक और मौका देने जा रही है। विधानसभा में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने इस बात की जानकारी दी।
झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल ने पुरानी पेंशन योजना की अवधि को लेकर सवाल किया था। इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार उन कर्मचारियों को आवेदन का एक और अवसर देगी, जो पहले इस योजना के लिए आवेदन नहीं कर सके थे। इसके लिए वित्त विभाग को निर्देश दिए गए हैं और आवेदन की अवधि बढ़ाई जाएगी।
पुरानी पेंशन योजना की मौजूदा स्थिति
अब तक पुरानी पेंशन योजना के तहत लगभग 2300 आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं। वहीं, 8200 आवेदन में त्रुटियां पाई गई हैं। सरकार ने अब तक संबंधित कर्मियों के खाते में लगभग 30 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं, जबकि 31 करोड़ रुपये सरकार के खाते में मौजूद हैं। कर्मचारी अपने मूल विभाग में आवेदन करते हैं और विभाग इसकी जांच के बाद इसे केंद्र में एनएसपीएल को भेजता है। स्वीकृति मिलने के बाद यह प्रक्रिया पूरी होती है।
पुरानी और नई पेंशन योजना में अंतर
पुरानी पेंशन योजना (OPS) और नई पेंशन योजना (NPS) के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर हैं।
पेंशन की गारंटी: OPS में कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में मिलता है, जबकि NPS में कोई निश्चित पेंशन गारंटी नहीं होती।
योगदान का प्रतिशत: OPS में पेंशन पूरी तरह सरकार द्वारा दी जाती है, जबकि NPS में कर्मचारी को अपनी सैलरी का 10% योगदान करना पड़ता है और सरकार 14% योगदान करती है।
महंगाई भत्ता (DA): OPS में हर 6 महीने में महंगाई भत्ता बढ़ता है, लेकिन NPS में यह लागू नहीं होता।
परिवार को लाभ: OPS में कर्मचारी की मृत्यु के बाद परिवार को पेंशन मिलती रहती है, जबकि NPS में यह सुविधा सीमित होती है।
ग्रेच्युटी: OPS में रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी मिलती है, जबकि NPS में ऐसा कोई तय प्रावधान नहीं है।
कराधान: OPS में रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली राशि पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता, जबकि NPS में शेयर बाजार आधारित होने के कारण रिटायरमेंट पर मिलने वाली राशि पर टैक्स लागू हो सकता है।