केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रसाद नड्डा की ओर से सोमवार को इस वायरस के संबंध में कहां गया है कि सरकार इसकी स्थिति को बारीकी से मध्य नजर रख रही है और आपको कोई चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि यह वाइरस कोई नया वायरस नहीं है। हालांकि भारत देश में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस मामले बढ़ने लग गए हैं इसमें सबसे पहले एक मामला सामने आया थाअ ब इसके 7 मामले सामने आ चुके हैं। देश के तीन राज्यों में अब HMPV वायरस की पुष्टि हो चुकी है।
सबसे पहले यह वायरस नीदरलैंड में 2001 के समय में मिला था। लेकिन केंद्र सरकार का कहना है कि मामले के बढ़ने से कॉविड-19 जैसी स्थिति पैदा नहीं होने वाली है।
देश के किन जिलों में वायरस की चपेट में आए मरीज
हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार को भारत देश में तीन राज्यों के तहत 7 मामले इस वायरस के आए हैं। इन राज्यों की सूची में नाम है नागपुर- 2, बेंगलुरु-2 और तमिलनाडु-2 इसके अलावा 1 मामला अहमदाबाद में भी मिला है। इसमें पहला मामला इस वायरस का बेंगलुरु के बाप्टिस्ट हॉस्पिटल मैं 3 साल की बच्ची में पाया गया था। 3 साल की बच्ची कोबुखार और सर्दी जुकाम जैसी समस्या देखने को मिली थी और उसे दिसंबर में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था लेकिन वह अब स्वस्थ हो चुकी हैं और उसे डिस्चार्ज भी कर दिया गया है।
इस वायरस की चपेट में दूसरा व्यक्ति 3 जनवरी को आया था जिसमें 8 महीने के बच्चे को यह संक्रमण हुआ था। पहले और दूसरे दोनों ही बच्चों को पहले ब्रोकोन्यूमोनिया हो चुका था और विदेश की यात्रा भी उन्होंने नहीं की थी। इसके अलावा राजस्थान के डूंगरपुर के 2 साल के बच्चे को 24 दिसंबर को अहमदाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया थाऔर 26 दिसंबर को उसमें इस वायरस की पुष्टि हो चुकी थी। इसके अलावा 7 साल और 13 साल के दो बच्चों को नागपुर के अस्पताल में 3 जनवरी को भर्ती करवाया गया है।
मंत्री ने कहा चिंता की कोई आवश्यकता नहीं
भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रसाद नड्डा की ओर से सोमवार को इस वायरस के संबंध में यह कहा गया है कि सरकार इसकी स्थिति को बारीकी से देख रही है। और देशवासियों को इसके संबंध में किसी भी प्रकार की कोई भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यह वाइरस कोई नया वायरस नहीं है। मंत्री ने एक वीडियो के संदेश के जरिए यह भी कहा कि एचएमपीवी वायरस की फिलहाल की खबरों के मद्देनजर स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर, देश की शीर्ष स्वास्थ्य अनुसंधान संस्था और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) चीन और अन्य पड़ोसी देशों में स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं।