दिल्ली विधानसभा चुनाव से महज पांच दिन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है। शुक्रवार को पार्टी के आठ विधायकों ने अचानक इस्तीफा देकर सियासी हलचल तेज कर दी। इन नेताओं ने अपने इस्तीफे की वजह टिकट न मिलने और पार्टी में बढ़ते भ्रष्टाचार को बताया है।
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी AAP
महरौली से दो बार के विधायक नरेश यादव ने पार्टी छोड़ने का ऐलान करते हुए कहा कि AAP का गठन भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए हुआ था, लेकिन अब पार्टी खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस चुकी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी ने टिकट बांटने में पारदर्शिता नहीं बरती और भ्रष्टाचारियों को ही मौका दिया।
आदर्श नगर से विधायक पवन शर्मा ने कहा कि जिस विचारधारा के साथ आम आदमी पार्टी की शुरुआत हुई थी, अब वह पूरी तरह भटक चुकी है। इसी तरह अन्य इस्तीफा देने वाले विधायकों ने भी पार्टी नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि पार्टी में पारदर्शिता और ईमानदारी खत्म हो चुकी है।
विधायकों के इस्तीफे पर AAP का जवाब
आम आदमी पार्टी के विधायक ऋतुराज झा ने इस्तीफा देने वाले नेताओं पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मुझे भी पार्टी छोड़ने का लालच दिया गया था, लेकिन मैंने इसे ठुकरा दिया। मैं आखिरी दम तक AAP में बना रहूंगा। झा के इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है।
वहीं, दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल ने कहा कि उन्हें विधायकों के इस्तीफे की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह शुक्रवार शाम पांच बजे के बाद सचिवालय से निकल गए थे, इसके बाद अगर इस्तीफा दिया गया होगा तो इसकी जानकारी बाद में मिलेगी।
टिकट वितरण बना फसाद की जड़
AAP ने 21 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच लिस्ट जारी कर 70 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए थे। इनमें से 26 मौजूदा विधायकों के टिकट काट दिए गए थे और चार विधायकों की सीट बदल दी गई थी। इससे पार्टी के अंदर असंतोष बढ़ गया था। इस्तीफा देने वाले विधायकों का कहना है कि पार्टी में मेहनती कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर आपराधिक छवि वालों को टिकट दिया गया है।
इससे पहले 10 दिसंबर को सीलमपुर के विधायक अब्दुल रहमान ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर मुस्लिम समुदाय की उपेक्षा का आरोप लगाया था और कहा था कि पार्टी अब अल्पसंख्यकों की आवाज नहीं बन रही है।
दिल्ली चुनाव की रणनीति पर असर
दिल्ली विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होने हैं और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। ऐसे में AAP के आठ विधायकों का एक साथ इस्तीफा देना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। चुनावी माहौल में यह घटनाक्रम आम आदमी पार्टी की रणनीति पर बुरा असर डाल सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन इस्तीफों से आम आदमी पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता है, खासकर जब पार्टी अपने शासन को ईमानदारी और भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के रूप में पेश करती रही है। अब देखना होगा कि पार्टी इस सियासी संकट से कैसे उबरती है और क्या इस्तीफा देने वाले विधायक किसी अन्य दल का दामन थामते हैं या निर्दलीय चुनाव लड़ते हैं।
आगामी दिनों में दिल्ली की राजनीति में और उथल-पुथल देखने को मिल सकती है, क्योंकि विपक्षी दल इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में जुट गए हैं। चुनावी माहौल गरमाने के साथ-साथ अब दिल्ली की जनता यह तय करेगी कि वह AAP पर कितना भरोसा जताती है।