उत्तर भारत में ठंड अपने चरम पर पहुंच चुकी है। इस बार दिसंबर के दूसरे हफ्ते में ही उत्तर प्रदेश में 20 साल बाद शीतलहर का ऐसा प्रकोप देखने को मिला है। अयोध्या में राज्य का सबसे कम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि चित्रकूट में ठंड के कारण एक किसान की जान चली गई।
मध्य प्रदेश के शहडोल में इस सीजन का सबसे कम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। भोपाल भी ठिठुरता नजर आया, जहां रात का पारा 4 डिग्री से नीचे पहुंच गया। राजस्थान के 11 शहरों में सीजन का सबसे कम तापमान दर्ज किया गया और 15 शहरों में तापमान 4 डिग्री से नीचे चला गया। मौसम विभाग ने बताया है कि आने वाले 2-3 दिनों तक ठंड का यही हाल रहेगा।
जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में बर्फबारी का कहर
अब बात करें जम्मू-कश्मीर की, तो ठंड ने यहां लोगों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। जोजिला में पारा माइनस 22 डिग्री तक गिर चुका है। श्रीनगर में माइनस 3.4, पहलगाम में माइनस 4 और गुलमर्ग में माइनस 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भारी बर्फबारी के कारण राजौरी में मुगल रोड बंद हो गई, और प्रशासन को बर्फ हटाने के लिए भारी मशीनरी का सहारा लेना पड़ा।
कोहरे और बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने 16 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान और मध्य प्रदेश में घने कोहरे का अलर्ट जारी किया है। तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी बारिश की संभावना है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश में 17 दिसंबर को घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी घटने की संभावना है। राजस्थान में तापमान 5 डिग्री से नीचे रहेगा और शीतलहर का प्रभाव और बढ़ सकता है।
18 दिसंबर को दक्षिण भारत के राज्यों जैसे तमिलनाडु, पुडुचेरी, कर्नाटक और केरल में बिजली गिरने और बारिश का अलर्ट है। वहीं, पूर्वोत्तर के राज्यों में भी ठंड और बढ़ने की उम्मीद है।
ठंड बढ़ने के कारण और असर
विशेषज्ञों के अनुसार, ठंड बढ़ने के पीछे तीन मुख्य कारण हैं। पहला, तेज और ठंडी हवाएं। दूसरा, वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण हो रही बर्फबारी। तीसरा, पाकिस्तान और हिमालय क्षेत्र में मौसम में आए बदलाव।
इस ठंड ने उत्तर भारत में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। खासकर जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लोग घरों में ही दुबके रहने को मजबूर हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे गर्म कपड़े पहनें और बाहर निकलने से बचें।
ऐसे में सावधानी और सतर्कता ही सबसे बड़ी जरूरत है। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ने की संभावना है, इसलिए सुरक्षित रहें और मौसम की हर अपडेट पर नजर बनाए रखें।