भजनलाल सरकार ने शनिवार को सीएमओ में आयोजित की गई कैबिनेट और मंत्री परिषद की बैठक में कई बड़े निर्णय लिए गए हैं। यह बैठक राइजिंग राजस्थान और सरकार की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष में हुई थी। इस बैठक के अध्यक्ष राजस्थान के माननीय मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा थे और उनके द्वारा मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी मीटिंग पूरी होने के बाद सुमित गोदारा और मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से आम जनता तक पहुंचाई।
कैबिनेट में भजनलाल सरकार ने लिया बड़ा निर्णय
राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया गया। गहलोत सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिनों में बनाए गए 9 नए जिलों और 3 संभागों को भजनलाल सरकार ने निरस्त कर दिया है। इस फैसले के बाद अब राजस्थान में कुल 41 जिले और 7 संभाग रहेंगे।
निरस्त किए गए जिले और संभाग
कैबिनेट ने दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर जैसे 9 नए जिलों को खत्म करने का निर्णय लिया है। साथ ही नए बनाए गए सीकर, पाली और बांसवाड़ा संभागों को भी रद्द कर दिया गया है।
मंत्री गोदारा ने इस बात को क्लियर किया कि नए जिलों की घोषणा पॉलिटिकल बेनिफिट के लिए की गई थी। कमेटी की समीक्षा में यह पाया गया कि कई जिलों में 6-7 तहसीलें भी नहीं थीं जो कि एक जिले के लिए कम से कम जरूर होती है।
कौन-कौन से जिले रहेंगे बरकरार
हालांकि कैबिनेट ने 8 नए जिलों को यथावत रखा है। इनमें बालोतरा, ब्यावर, डीग, खैरथल-तिजारा, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड़, फलोदी और सलूंबर शामिल हैं।
कैबिनेट के अन्य अहम फैसले
→ कैबिनेट ने समान पात्रता परीक्षा (सीईटी) की वैलिडिटी को एक साल से बढ़ाकर तीन साल कर दिया है। इससे अभ्यर्थियों को हर साल परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी। अब एक बार परीक्षा पास करने के बाद उसका स्कोर तीन साल तक मान्य रहेगा।
→ इसके अलावा, खाद्य सुरक्षा योजना में नए लाभार्थियों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है। जो लोग 31 दिसंबर तक केवाईसी नहीं कराएंगे, उनके नाम योजना से हटा दिए जाएंगे।
→ भजनलाल सरकार ने 2025 तक एक लाख बेरोजगारों को नौकरी देने और अगले चार वर्षों में तीन लाख नौकरियां सृजित करने का टारगेट भी रखा है।
→ पशुधन सहायकों को तीन पदोन्नतियां देने और उनके पदनाम में बदलाव का प्रस्ताव भी कैबिनेट में पारित हुआ है।