हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना होती है। काफी लोगों को मां सरस्वती के इस पावन अवसर पर पूजा के दौरान कौन सा भोग चढ़ाना चाहिए और कौन सा नहीं इसमें कन्फ्यूजन रहता है। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को कौन-कौन से भोग प्रिय हैं, आइए जानते हैं।
बेसन के लड्डू का भोग
मां सरस्वती की पूजा में पीले और सफेद रंग का विशेष महत्व होता है। साथ ही पीला रंग बसंत का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि मां सरस्वती को बेसन के लड्डू अत्यंत प्रिय होते हैं। इस भोग को अर्पित करने से कार्यों में आ रही विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।
मालपुआ का भोग
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को मालपुआ का भोग चढ़ाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। मान्यता है कि मालपुआ का भोग लगाने से करियर में आ रही अड़चनें समाप्त होती हैं और विद्या तथा बुद्धि का विकास होता है। इस भोग से मां सरस्वती प्रसन्न होकर अपने भक्तों को ज्ञान और सफलता का आशीर्वाद देती हैं।
बूंदी का भोग
मां सरस्वती को बूंदी भी अत्यंत प्रिय मानी जाती है। कहा जाता है कि बूंदी का भोग लगाने से व्यक्ति की बुद्धि का विकास होता है और करियर दिन दुगनी रात चौगुनी गति से विकास करता है। विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए यह भोग विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
बेर का भोग
मां सरस्वती को फलाहार में बेर चढ़ाने की परंपरा है। मान्यता है कि बेर का भोग लगाने से मां सरस्वती प्रसन्न होती हैं और मनचाहा फल देती है।
पीले मीठे चावलों का भोग
बसंत पंचमी की पूजा में मां सरस्वती को पीले मीठे चावलों का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस भोग को घी, चीनी, केसर और पंचमेवा के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस भोग को लगाने के बाद कम से कम पांच कन्याओं को प्रसाद रूप में खिलाना चाहिए। ऐसा करने से मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में खुशहाली आती है।