इस समय प्रयागराज में हो रहे भव्य महाकुंभ के मेले में हर दिन लाखों भक्त आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। इस बार महाकुंभ का मेला 13 जनवरी 2025 को शुरू हुआ था और इसका समापन 26 जनवरी 2025 को होगा। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार महाकुंभ मेले में स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है। अगर आप अपने ऊपर से पितृ दोष का बोझ दूर करके मुक्ति पाना चाहते हैं तो महाकुंभ स्नान के दौरान कुछ उपायों का पालन करने से ऐसा होता हैं।
पितृ दोष से होने वाले नकारात्मक प्रभाव
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है कि जिस घर में पितृ दोष रहता है, वहां पर परिवार के बीच हमेशा लड़ाई झगड़े होते रहते हैं और नौकरी और व्यापार करने वालों का कोई भी काम सफल नहीं होता।
जो व्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित होता है उसे अपना वंश आगे बढ़ाने में अनेकों मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। पितृ दोष होने का सबसे बड़ा संकेत यह है कि घर के आंगन, दरारों और टूटे गमले में पीपल का पेड़ उगना।
पितृ दोष से मुक्ति के 4 उपाय
पहले उपाय में आपको महाकुंभ में स्नान करने के बाद अपने हाथों में थोड़ा सा गंगाजल लेकर अपने पितरों को अर्पित करना है और आपके द्वारा की गई कोई भी भूल चूक हो तो उसके लिए माफी मांगनी है।
दूसरे उपाय में आपको स्नान हो जाने के बाद भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करना है और पितरों की कृपा लेने के लिए गरीबों में दान पुण्य भी जरूर करना होगा।
तीसरे उपाय में आपका जितना भी समर्थ हो उसी हिसाब से महाकुंभ में जरूरतमंद लोगों की मदद करनी है, इससे आपको पितरों की आशीष प्राप्त होगी। साथ ही पितरों की आत्मा को शांति देने के लिए आप पिंडदान और श्रद्धा कर्म भी कर सकते हैं।
अंतिम उपाय में आपको कुंभ के मेले में आए हुए साधु संतों की कितनी हो सके उतनी सेवा करनी है जिससे पितृ आपसे प्रश्न होगी और जातक को उसके पितृ दोष से पूर्णता छुटकारा मिलेगा।