देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से पिछले सप्ताह उनके अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्रीय कर्मचारी की सैलरी में संशोधन करने के लिए 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में भारी वृद्धि की संभावना है। वर्तमान में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू हैं, जो 1 जनवरी 2016 से प्रभावी हैं और नया वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से लागू किया जाएगा। न्यूज़ रिपोर्ट्स के अनुसार अनुमान लगाया जा रहा है कि कर्मचारियों का मौजूदा वेतन ₹18,000 प्रतिमाह से बढ़कर ₹51,480 प्रतिमाह कर दिया जाएगा। इस बीच सभी एक ही सवाल पर अटके हुए हैं कि नया वेतन आयोग कब से लागू होगा और कर्मचारियों को कब से वेतन में इजाफा मिलेगा?
वेतन में होगी भारी वृद्धि
रिपोर्टों के मुताबिक, 8वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम मूल वेतन 18,000 रुपये से बढ़ाकर 51,480 रुपये किया जाएगा। यह 186 प्रतिशत की वृद्धि होगी। फिटमेंट फैक्टर, जो नए वेतन की गणना के लिए मूल वेतन पर लागू होता है, को 2.57 से बढ़ाकर 2.86 किया जाएगा। इससे न केवल वेतन बल्कि अन्य भत्तों में भी बढ़ोतरी होगी।
पेंशनभोगियों को भी मिलेगा फायदा
नए वेतन आयोग के लागू होने से न केवल मौजूदा कर्मचारियों को बल्कि पेंशनभोगियों को भी लाभ मिलेगा। जनवरी 2026 से पेंशनभोगियों को संशोधित दरों पर उच्च पेंशन मिलने लगेगी। सरकार का कहना है कि इस फैसले से देश के लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के जिंदगी को सुधारने के लिए एक बड़ी पहल है।
कब होगा लागू?
7वें वेतन आयोग का कार्यकाल 1 जनवरी 2026 को समाप्त हो रहा है। 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें समय पर लागू करने के लिए सरकार ने 2025 में आयोग का गठन करने का फैसला किया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति जल्द की जाएगी।
क्यों जरूरी है वेतन आयोग?
सरकार के इस फैसले से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है। उनका कहना है कि इस निर्णय से महंगाई के बढ़ते दौर में हो रहे खर्चों को संभालने में मदद मिलेगी। भारत में हर दस साल में एक नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। इसका मकसद कर्मचारियों की जिंदगी में हो रही लागत को ध्यान में रखते हुए वेतन और भत्तों को संशोधन करना है। 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत बेसिक सैलरी को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये किया गया था। अब 8वें वेतन आयोग के तहत इसे और अधिक बढ़ाया जाएगा।