17 लाख रुपये की आय को भी बनाएं टैक्स फ्री, जानिए आसान कैलकुलेशन

अगर आप 17 लाख रुपये सालाना कमाते हैं तो आपको टैक्स देने से डरने की जरूरत नहीं है। न्यू टैक्स रिजीम में उपलब्ध विभिन्न छूटों और अलाउंसेज का सही तरीके से उपयोग करके आप अपनी पूरी आय टैक्स फ्री कर सकते हैं।

By Sanwarmal Choudhary

Published on:

9:16 AM

नया फाइनेंशियल ईयर 1 अप्रैल से शुरू होने वाला है और इस बार टैक्सपेयर्स के लिए अच्छी खबर है। अब आपकी 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय टैक्स फ्री होगी। 75 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद यह आंकड़ा 12.75 लाख रुपये तक पहुंच जाता है। लेकिन क्या आपने सोचा है कि अगर आपकी आय 17 लाख रुपये सालाना है तो भी आप टैक्स से बच सकते हैं? सुनने में यह थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह बिल्कुल सच है। इसके लिए आपको कुछ खास कैलकुलेशन को समझना होगा, जिससे आप न्यू टैक्स रिजीम में बिना टैक्स दिए अपनी आय का आनंद ले सकें।

न्यू टैक्स रिजीम में 17 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री कैसे?

सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री कर दिया है। लेकिन इस रिजीम में आपको सेक्शन 80C के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलती। इसके बावजूद भी आप 17 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री बना सकते हैं। ईटी की एक रिपोर्ट के हिसाब से सही कैलकुलेशन का इस्तेमाल कर आप एक्स्ट्रा टैक्स देने से बच सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि कंपनियों द्वारा दी जाने वाली सैलरी में कौन-कौन से ऐसे हिस्से होते हैं, जिन पर टैक्स नहीं देना पड़ता।

CTC और टैक्स छूट का गणित

कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को दी जाने वाली कुल सैलरी को CTC यानी कॉस्ट टू कंपनी कहा जाता है। CTC में कुछ हिस्से ऐसे होते हैं, जो टैक्स फ्री होते हैं। जैसे कि आने-जाने के खर्च पर मिलने वाला अलाउंस। टैक्स एडवाइजर फर्म भूटा शाह एंड कंपनी के अनुसार अगर आप न्यू टैक्स रिजीम चुनते हैं तो ऑफिस आने-जाने के खर्च पर टैक्स नहीं देना होता। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इस छूट का लाभ तभी मिलेगा जब यह खर्च आपके ऑफिस के काम से जुड़ा हो।

ट्रांसपोर्ट अलाउंस से पाएं टैक्स में राहत

कुछ कंपनियां अपने विशेष कर्मचारियों को ट्रांसपोर्ट अलाउंस देती हैं। यह अलाउंस आमतौर पर हर महीने 3,200 रुपये तक होता है, जिसका सालाना आंकड़ा 38,400 रुपये तक पहुंच जाता है। यह अलाउंस सिर्फ शारीरिक रूप से अक्षम कर्मचारियों को ही मिलती है। इस अलाउंस के जरिए इस श्रेणी में आने वाले लोग आसानी से टैक्स बचा सकते हैं।

कार लीज पॉलिसी के जरिए टैक्स बचत

कार लीज एक ऐसी पॉलिसी है जिसमें कर्मचारी एक फिक्स टाइम के लिए कार का इस्तेमाल करता है और इसके बदले हर महीने EMI देता है। लीज का टाइम पूरा होने पर कार को वापस किया जा सकता है या खरीद भी सकते हैं। कार लीज पॉलिसी के तहत पर्सनल और ऑफिशियल दोनों तरह के इस्तेमाल के लिए कार दी जाती है। इसमें 1.6 लीटर इंजन वाली कार पर 1,800 रुपये महीने तक की टैक्स छूट मिलती है। इस प्रकार सालाना आधार पर यह राशि अच्छी-खासी टैक्स बचत में तब्दील हो सकती है।

Sanwarmal Choudhary

मुझे B.Sc. फाइनल पास किए हुए 4 साल से ज्यादा हो गया और अब मैं फाइनेंस, बिजनेस और मार्केट के ट्रेंडिंग टॉपिक्स के बारें में लिख रहा हूँ। इन क्षेत्रों में गहरी रुचि और अनुभव है। अपने आर्टिकल्स के जरिए Janata Times 24 के पाठकों को बिजनेस ट्रेंड्स, फाइनेंशियल टिप्स और बाजार की जानकारी देता हूँ।

Leave a Comment