12वीं की बोर्ड परीक्षाएं खत्म होने के बाद छात्र कॉलेज और विश्वविद्यालयों में दाखिला लेंगे। नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत से पहले ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने छात्रों और अभिभावकों को सचेत किया है। यूजीसी ने फर्जी विश्वविद्यालयों में एडमिशन लेने से बचने की सलाह दी है। इस संबंध में आयोग ने एक नोटिस जारी किया है।
जानकारी के मुताबिक बता दें कि यूजीसी ने बताया कि कुछ संस्थान अवैध तरीके से फर्जी डिग्री देकर यूजीसी एक्ट के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसी डिग्री उच्च शिक्षा या नौकरी के लिए मान्य नहीं होगी। केवल राज्य अधिनियम, केंद्रीय अधिनियम या प्रांत अधिनियम के तहत स्थापित संस्थानों को ही डिग्री देने की मान्यता है।
छात्रों के लिए यूजीसी की सलाह
यूजीसी ने छात्रों और अभिभावकों को सलाह दी है कि किसी भी संस्थान में एडमिशन लेने से पहले उसकी मान्यता की जांच जरूर करें। यदि कोई विश्वविद्यालय यूजीसी अधिनियम के नियमों का उल्लंघन करता है, तो इसकी जानकारी ईमेल ([email protected]) के माध्यम से यूजीसी को दी जा सकती है। इससे ऐसे संस्थानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।
फर्जी घोषित विश्वविद्यालय
यूजीसी ने देशभर के 21 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया है। इनकी सूची यूजीसी की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने 2014 से अब तक 12 संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की है। दिल्ली के 8 विश्वविद्यालयों को फर्जी घोषित किया गया है, जिनमें यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, वॉकेशनल यूनिवर्सिटी, कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड दरियागंज और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग शामिल हैं। इसके अलावा, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश में भी कई फर्जी विश्वविद्यालयों को चिन्हित किया गया है।
छात्रों के लिए जरूरी सावधानी
यूजीसी ने छात्रों से अपील की है कि वे किसी भी संस्थान में एडमिशन लेने से पहले उसकी मान्यता और प्रामाणिकता की पूरी जांच करें। फर्जी संस्थानों में दाखिला लेने से न केवल पैसे की बर्बादी होती है, बल्कि भविष्य के अवसर भी प्रभावित होते हैं। इसलिए, सही जानकारी और सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है।