Amritsar: अमृतसर में मंदिर पर ग्रेनेड हमले के एक मुख्य आरोपी की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई है। यह घटना सोमवार सुबह तब सामने आई जब पंजाब पुलिस ने राजासांसी इलाके में एक तलाशी अभियान चलाया। पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि इस हमले के दो संदिग्ध, गुरसिदक और विशाल, इस इलाके में छिपे हुए हैं। जैसे ही पुलिस ने इनकी तलाश शुरू की, दोनों के बीच जोरदार मुठभेड़ हो गई। इस दौरान गोलीबारी में गुरसिदक गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई। उसका साथी विशाल मौके से भाग निकलने में कामयाब रहा।
यह पूरा मामला उस ग्रेनेड हमले से जुड़ा है जो शुक्रवार देर रात अमृतसर के शेरशाह सूरी रोड पर स्थित ठाकुरद्वारा मंदिर के बाहर हुआ था। रात करीब एक बजे हुए इस धमाके ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी थी। हमले के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और अब तक इस मामले में कई अहम कदम उठाए गए हैं। सोमवार की मुठभेड़ से पहले पुलिस ने बिहार से तीन अन्य संदिग्धों को गिरफ्तार किया था, जो इस हमले में हथियार और ग्रेनेड की सप्लाई से जुड़े थे। इन तीनों को उस वक्त पकड़ा गया जब वे नेपाल भागने की कोशिश कर रहे थे।
सोमवार सुबह हुई मुठभेड़ की बात करें तो पुलिस ने बताया कि सीआईए और छेहरटा थाने की एक संयुक्त टीम को राजासांसी इलाके में भेजा गया था। टीम को सूचना मिली थी कि दोनों आरोपी एक बाइक पर सवार होकर इलाके में घूम रहे हैं। जैसे ही पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, संदिग्धों ने बाइक छोड़ दी और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में पुलिस टीम पर कई गोलियां चलाई गईं। एक गोली कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह के सिर में लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके अलावा, इंस्पेक्टर अमोलक सिंह की पगड़ी पर भी गोली लगी, जबकि एक गोली पुलिस के वाहन से टकराई।
इस खतरनाक स्थिति में पुलिस को भी जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने आत्मरक्षा में अपनी पिस्तौल से गोली चलाई, जो गुरसिदक को जा लगी। गोली लगने के बाद उसे तुरंत सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घायल कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह को भी उसी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने इस घटना के बाद विशाल की तलाश तेज कर दी है, जो अब भी फरार है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मुठभेड़ उस खुफिया जानकारी के आधार पर हुई, जिसमें पता चला था कि दोनों आरोपी राजासांसी में छिपे हुए हैं। इस घटना के बाद थाने में एक नई एफआईआर दर्ज की जा रही है, जिसमें मुठभेड़ और पुलिस पर हमले की पूरी जानकारी शामिल होगी। साथ ही, इस मामले की जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस हमले के पीछे कोई बड़ी साजिश थी और क्या इसमें विदेशी ताकतों का हाथ हो सकता है।
शुक्रवार रात हुए मंदिर पर हमले ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी थी। ठाकुरद्वारा मंदिर के बाहर हुए इस धमाके में कोई बड़ा नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन यह घटना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने वाली थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच शुरू की थी, जिसमें बाइक सवार दो लोग मंदिर की ओर ग्रेनेड फेंकते दिखे थे। अब इस मामले में गुरसिदक की मौत और विशाल के फरार होने के बाद पुलिस की चुनौती और बढ़ गई है। आने वाले दिनों में इस जांच से कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद जताई जा रही है।