राजस्थान सरकार ने अपने कर्मचारियों को रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और डेथ ग्रेच्युटी में बड़ा तोहफा दिया है। शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब सरकारी कर्मचारियों को अधिकतम 25 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी मिलेगी। पहले यह सीमा 20 लाख रुपये थी। सरकार ने 1 जनवरी 2024 से बढ़ी हुई ग्रेच्युटी देने का निर्णय लिया है। इससे जनवरी 2024 से मार्च 2024 के बीच रिटायर हुए कर्मचारियों को इस फैसले का सीधा फायदा मिलेगा। इस बदलाव के कारण सरकारी खजाने पर करीब 24 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा।
क्या होती है ग्रेच्युटी ?
ग्रेच्युटी एक प्रकार का वित्तीय लाभ है, जो कर्मचारी को उसकी सेवा के बदले दिया जाता है। किसी भी कंपनी या सरकारी संस्थान में लगातार 5 साल काम करने वाले कर्मचारी को यह लाभ मिलता है।
- पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के अनुसार, 10 या उससे अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों को ग्रेच्युटी देना जरूरी होता है।
- यह राशि कर्मचारी को रिटायरमेंट या नौकरी छोड़ने पर मिलती है।
- अगर किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसकी ग्रेच्युटी उसके नामांकित व्यक्ति (नॉमिनी) को दी जाती है। इस स्थिति में 5 साल की सेवा का नियम लागू नहीं होता।
शिक्षकों के लिए बड़ा बदलाव
राजस्थान सरकार ने शिक्षकों के पदनाम बदलने का भी फैसला किया है। अब प्राध्यापक (Professor) का पदनाम सहायक आचार्य (Assistant Professor) और सह-आचार्य (Associate Professor) किया जाएगा। यह बदलाव यूजीसी (UGC) के 2010 के नियमों के अनुरूप किया गया है, जिससे शिक्षकों को उनके पद के हिसाब से सही पहचान मिलेगी।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
इसके अलावा सरकार ने राजस्थान जिला गजेटियर्स सेवा नियम, 1980 को पूरी तरह खत्म करने का निर्णय लिया है। यह नियम वर्ष 2007 में समाप्त हो चुके जनशक्ति एवं गजेटियर्स विभाग से जुड़ा था, जिसे अब औपचारिक रूप से विलोपित किया जाएगा। राजस्थान सरकार के इन फैसलों से सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों को सीधा लाभ मिलेगा और वे भविष्य को लेकर अधिक सुरक्षित महसूस करेंगे।