8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और डीए को लेकर क्या है ताजा अपडेट?

केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) बड़ा बदलाव लेकर आ सकता है। इस बीच, सरकार ने महंगाई भत्ता (DA - Dearness Allowance) को मूल वेतन में शामिल करने को लेकर बड़ा बयान दिया है।

By Sanwarmal Choudhary

Published on:

7:28 AM

केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतन आयोग हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है। हाल ही में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) की चर्चा जोरों पर है। इस आयोग के गठन की घोषणा हो चुकी है, लेकिन अभी कई सवाल अनसुलझे हैं। खास तौर पर महंगाई भत्ता (DA) को मूल वेतन में मिलाने की मांग ने सुर्खियां बटोरी हैं। तो आइए समझते हैं कि 8वां वेतन आयोग को लेकर सरकार का रुख क्या है।

8वां वेतन आयोग कब आएगा?

केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग को हरी झंडी दे दी है, लेकिन अभी इसकी आधिकारिक शुरुआत नहीं हुई है। उम्मीद है कि अप्रैल 2025 तक इसका गठन हो सकता है। यह आयोग अपनी सिफारिशें तैयार करेगा, जो 2026 में लागू होंगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि मौजूदा 7वां वेतन आयोग 2026 में खत्म हो रहा है। हर 10 साल में सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन और भत्तों को अपडेट करने के लिए नया आयोग बनाती है। पिछले आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थीं और अब अगले बदलाव का समय करीब आ रहा है।

इस आयोग से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को फायदा मिलने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी हाल ही में कहा कि यह आयोग 36 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहत लेकर आएगा, जिसमें रक्षा क्षेत्र के लोग भी शामिल हैं। लेकिन सवाल यह है कि सैलरी और भत्तों में कितना बदलाव होगा?

महंगाई भत्ते (DA) पर क्या है सरकार का रुख?

कर्मचारी संगठनों ने लंबे समय से मांग की है कि महंगाई भत्ते को मूल वेतन में मिला दिया जाए। उनका तर्क है कि डीए अब 50% से ऊपर पहुंच गया है और इसे मूल वेतन का हिस्सा बनाना चाहिए। नेशनल काउंसिल ऑफ ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने भी इस मुद्दे को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सामने उठाया था। लेकिन सरकार ने इस मांग को साफ तौर पर ठुकरा दिया है।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने हाल ही में संसद में बताया कि डीए को मूल वेतन में मिलाने का कोई प्लान नहीं है। यह बयान राज्यसभा सांसद जावेद अली खान के एक सवाल के जवाब में आया। सवाल था कि क्या सरकार 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट से पहले 50% डीए को मूल वेतन में शामिल करने पर विचार कर रही है। पंकज चौधरी ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। उनका कहना है कि डीए और डीआर (पेंशनभोगियों के लिए महंगाई राहत) का मकसद महंगाई से निपटना है और इसे हर 6 महीने में अपडेट किया जाता है।

डीए को मूल वेतन में क्यों नहीं मिलाया जा रहा?

सरकार का मानना है कि डीए को मूल वेतन में मिलाने से उस पर बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा। अभी डीए एक अलग हिस्सा है, जो कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई से राहत देने के लिए दिया जाता है। अगर इसे मूल वेतन में जोड़ दिया जाए तो सैलरी और पेंशन में भारी बढ़ोतरी होगी, जिसके लिए सरकार को अतिरिक्त बजट चाहिए। पंकज चौधरी ने यह भी बताया कि 7वें वेतन आयोग के बाद से अब तक डीए की 15 किस्तें दी जा चुकी हैं, और आगे भी इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहेगा।

दूसरी तरफ, कर्मचारी संगठनों का कहना है कि महंगाई लगातार बढ़ रही है। डीए को मूल वेतन में मिलाने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। इससे न सिर्फ उनकी सैलरी बढ़ेगी, बल्कि रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन और अन्य फायदों में भी इजाफा होगा। लेकिन सरकार अभी इस मांग को मानने के मूड में नहीं दिख रही।

8वें वेतन आयोग से सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी?

8वां वेतन आयोग सैलरी, भत्तों और पेंशन में बदलाव लाने वाला है, लेकिन अभी यह साफ नहीं है कि बढ़ोतरी कितनी होगी। जानकारों का अनुमान है कि सैलरी में 20-35% तक का इजाफा हो सकता है। इसमें एक अहम फैक्टर होगा “फिटमेंट फैक्टर”। यह एक गुणक है, जो मौजूदा सैलरी को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होता है। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिसने न्यूनतम सैलरी को 7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया था।

8वें आयोग के लिए कर्मचारी संगठन 2.86 या इससे ज्यादा फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं। अगर ऐसा हुआ, तो न्यूनतम सैलरी 50,000 रुपये के आसपास हो सकती है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सरकार इसे 2.28 से 2.5 के बीच रख सकती है। इसका मतलब है कि सैलरी में बढ़ोतरी होगी, लेकिन शायद उतनी नहीं, जितनी कर्मचारी उम्मीद कर रहे हैं।

Sanwarmal Choudhary

मुझे B.Sc. फाइनल पास किए हुए 4 साल से ज्यादा हो गया और अब मैं फाइनेंस, बिजनेस और मार्केट के ट्रेंडिंग टॉपिक्स के बारें में लिख रहा हूँ। इन क्षेत्रों में गहरी रुचि और अनुभव है। अपने आर्टिकल्स के जरिए Janata Times 24 के पाठकों को बिजनेस ट्रेंड्स, फाइनेंशियल टिप्स और बाजार की जानकारी देता हूँ।

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