केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को एक शानदार तोहफा दिया है। हाल ही में महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) में 2% की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है, जो 1 जनवरी 2025 से लागू होगी। यह फैसला लगभग 48.66 लाख सरकारी कर्मचारियों और 66.55 लाख पेंशनरों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला है। सरकार का कहना है कि इस बदलाव से हर साल सरकारी खजाने पर 6614.04 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। लेकिन यह कदम कर्मचारियों और पेंशनरों को महंगाई के असर से राहत देने के लिए उठाया गया है।
सरकार का फैसला: क्या है नया बदलाव?
केंद्र सरकार ने यह तय किया है कि नए साल की शुरुआत से ही कर्मचारियों और पेंशनरों को बढ़ी हुई दरों का फायदा मिले। पहले महंगाई भत्ता और राहत बेसिक सैलरी या पेंशन का 53% था, जो अब 55% हो गया है। इसका मतलब है कि आपकी मासिक आय में थोड़ी और बढ़ोतरी होने वाली है। सरकार हर साल दो बार इन दरों में बदलाव करती है – एक बार जनवरी में और दूसरी बार जुलाई में। इस बार की घोषणा मार्च 2025 में हुई है, लेकिन यह बदलाव 1 जनवरी से लागू माना जाएगा। यानी जनवरी और फरवरी का बकाया भी आपको मिलेगा, जो अप्रैल की सैलरी या पेंशन के साथ आपके खाते में आएगा।
सैलरी में कितना होगा इजाफा?
अब सवाल यह है कि इस 2% बढ़ोतरी से आपकी सैलरी या पेंशन में कितना फर्क पड़ेगा? मान लीजिए किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 20,000 रुपये है। पहले उसे 53% के हिसाब से 10,600 रुपये DA मिलता था। अब 55% की नई दर से यह बढ़कर 11,000 रुपये हो जाएगा। यानी हर महीने 400 रुपये का फायदा। अगर बेसिक सैलरी 50,000 रुपये है, तो पहले 26,500 रुपये DA मिलता था, जो अब 27,500 रुपये हो जाएगा। मतलब 1,000 रुपये की बढ़ोतरी। इसी तरह, 1 लाख रुपये की बेसिक सैलरी पर DA 53,000 से बढ़कर 55,000 रुपये हो जाएगा यानी 2,000 रुपये का इजाफा।
महंगाई भत्ता कैसे तय होता है?
दरअसल, सरकार इसके लिए औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) का इस्तेमाल करती है। यह सूचकांक पिछले छह महीनों में महंगाई के उतार-चढ़ाव को मापता है। इस बार महंगाई पिछले साल की तुलना में कम रही, इसलिए बढ़ोतरी भी 2% ही हुई। पिछले साल अक्टूबर में DA में 3% और मार्च में 4% का इजाफा हुआ था। इस साल कम बढ़ोतरी का मतलब है कि बाजार में कीमतें कुछ हद तक स्थिर रहीं।