Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए आयकर स्लैब में बदलाव किया है। नई घोषणा के अनुसार आगामी वित्त वर्ष 2025-26 में वेतनभोगियों को सालाना 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। अन्य लोगों के लिए यह सीमा 12 लाख रुपये तक होगी। यह छूट नई टैक्स व्यवस्था के तहत दी गई है, जिससे सालाना 24.75 लाख रुपये तक कमाने वालों को 1.10 लाख रुपये तक की बचत होगी।
क्या है नई टैक्स व्यवस्था?
नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है। वेतनभोगियों के लिए टैक्स-मुक्त आय की सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 12.75 लाख रुपये कर दी गई है, जबकि अन्य लोगों के लिए यह सीमा 12 लाख रुपये तक है। इससे लगभग 1 करोड़ लोग टैक्स के दायरे से बाहर हो जाएंगे। वित्त मंत्रालय के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में 8 करोड़ से अधिक लोगों ने आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल किया, लेकिन इनमें से 4.9 करोड़ लोगों ने अपनी आय शून्य टैक्स वाली दिखाई। इसका मतलब है कि देश में केवल 3-3.15 करोड़ लोग ही टैक्स देते हैं।
अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्ट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार, मध्यम वर्ग को दी गई यह राहत अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि यह राहत खपत या बचत के रूप में अर्थव्यवस्था में वापस आएगी। 2014 में 12 लाख रुपये सालाना कमाने वाले व्यक्ति को 2 लाख रुपये टैक्स देना पड़ता था, लेकिन अब उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे कंज्यूमर गुड्स, छोटी कार और अन्य उपभोग वस्तुओं की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है, जो अर्थव्यवस्था को बूस्ट करेगी।
टीडीएस और टीसीएस में भी बदलाव
सरकार ने टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) और टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) नियमों में भी बदलाव किया है। अब लोन लेकर विदेश में बच्चों की पढ़ाई के लिए भेजी गई रकम पर टीसीएस नहीं कटेगा। इसके अलावा 10 लाख रुपये तक की विदेशी रकम पर भी टीसीएस नहीं लगेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए बचत ब्याज पर टीडीएस की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। किराए पर टीडीएस की सीमा भी 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे छोटे मकान मालिकों को राहत मिलेगी।
पुरानी टैक्स व्यवस्था होगी खत्म
सरकार धीरे-धीरे पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म करने की दिशा में काम कर रही है। नई टैक्स व्यवस्था को अब 75% से अधिक टैक्सपेयर्स ने अपना लिया है। वित्त वर्ष 2025-26 में प्रत्यक्ष कर राजस्व में 14.4% की वृद्धि का अनुमान है। हालांकि टैक्स छूट से सरकार को सालाना 1 लाख करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा, लेकिन इसके बावजूद टैक्स कलेक्शन में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है।