यूपीआई आज के टाइम पर डिजिटल पेमेंट करने का सबसे पॉपुलर ऑप्शन बन गया है और नगद लेनदेन की जगह अब UPI का ही इस्तेमाल होने लगा है। अब चाहे रिक्शा का किराया देना हो या मेट्रो ट्रेन और सब्जी की दुकान पर पेमेंट करना हो हर जगह यूपीआई ट्रांजेक्शन ही काम में आ रहा है। डिजिटल पेमेंट को और भी सुरक्षित बनाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने यूपीआई लेनदेन के नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है।
अब 1 फरवरी 2025 से उन सभी यूपीआई ट्रांजेक्शन को ब्लॉक कर दिया जाएगा, जिनकी यूपीआई आईडी में स्पेशल कैरेक्टर जैसे @ # $ ! आदि का इस्तेमाल किया गया होगा। NPCI ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी कर सभी बैंकों और पेमेंट एप्स को सूचित कर दिया है कि सिर्फ अल्फान्यूमेरिक कैरेक्टर्स यानी अक्षरों और अंकों वाली आईडी ही मान्य होंगी।
NPCI का नया नियम क्या कहता है?
NPCI के अनुसार 1 फरवरी 2025 से UPI आईडी में केवल नंबर (0-9) और अक्षर (A-Z) का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। यदि किसी यूजर की UPI आईडी में स्पेशल कैरेक्टर हैं, तो उन्हें इसे अपडेट करना होगा। ऐसा न करने पर 1 फरवरी के बाद उनके लेनदेन स्वतः विफल हो जाएंगे।
NPCI ने यह सर्कुलर 9 जनवरी को जारी किया था और सभी बैंकों और पेमेंट प्लेटफॉर्म्स को इसका सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। देश के ज्यादातर बैंक और पेमेंट प्लेटफॉर्म पहले ही इस बदलाव को लागू कर चुके हैं, लेकिन जिन यूजर्स ने अभी तक अपनी UPI आईडी अपडेट नहीं की है, उन्हें समय रहते ऐसा करना होगा।
स्पेशल कैरेक्टर और अल्फान्यूमेरिक आईडी में क्या अंतर है?
अगर आप किसी ऐसे यूपीआई एप का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसमें ट्रांजेक्शन आईडी में स्पेशल कैरेक्टर्स इस्तेमाल हो रहा है तो आपका लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा। उदाहरण के लिए अगर आपकी यूपीआई आईडी upi@2345!67890#ab$cd है तो यह मान्य नहीं होगी, क्योंकि इसमें स्पेशल कैरेक्टर्स का इस्तेमाल हुआ है। वहीं अगर आपकी आईडी upi1234cbdc67899 है तो यह वैलिड मानी जाएगी, क्योंकि इसमें सिर्फ अक्षर और संख्याएं शामिल हैं।
यूजर्स को क्या करना चाहिए?
- अपनी UPI आईडी को चेक करें और देखें कि उसमें कोई स्पेशल कैरेक्टर न हो।
- यदि स्पेशल कैरेक्टर हैं, तो तुरंत अपनी UPI आईडी को अपडेट करें।
- अपने बैंक या पेमेंट ऐप के माध्यम से नई UPI आईडी जेनरेट करें।
अंतिम तिथि से पहले अपडेट करें
1 फरवरी 2025 की अंतिम तिथि से पहले सभी यूजर्स को अपनी UPI आईडी अपडेट कर लेनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो उनके लेनदेन विफल हो सकते हैं और उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
UPI सिस्टम की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए यह बदलाव किया गया है। स्पेशल कैरेक्टर वाली UPI आईडी को हैक करना आसान होता है, जिससे यूजर्स के बैंक खातों को खतरा हो सकता है। इस नए नियम से धोखाधड़ी के मामलों में कमी आएगी और UPI लेनदेन और सुरक्षित हो जाएंगे।