भोपाल में साइबर ठगों को बैंक खाते बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश, तीन आरोपी गिरफ्तार

भोपाल से साइबर ठगी से जुड़ा एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस मामले में भोपाल में रहने वाले तरुण राय ने एक गिरोह बनाया और 5 हजार में लोगों के अकाउंट खोलता और फिर उन्हें 30 हजार रूपये में बिहार के तो को बेच देता।

By Prithavi Raj

Published on:

11:01 PM

भोपाल पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो भोले-भाले लोगों को लालच देकर उनके बैंक खाते खुलवाता और फिर उन्हें साइबर ठगों को बेच देता था। इस गिरोह के सरगना ने कई युवाओं को पैसों का लालच देकर बैंक खाते खुलवाने के लिए तैयार किया और फिर उन खातों को बिहार के बेतिया में बैठे साइबर ठगों को मोटी रकम में बेच दिया। पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और अब तक करोड़ों रुपये के लेनदेन का खुलासा हो चुका है।

कैसे हुआ इस साइबर ठगी का खुलासा?

इस गिरोह के काम करने का तरीका बेहद चौंकाने वाला था। 21 वर्षीय तरुण राय, जो भोपाल के हबीबगंज क्षेत्र की श्यामनगर मल्टी में रहता था, छह महीने पहले टेलीग्राम के जरिए साइबर ठगों के संपर्क में आया। वहां से उसे यह काम करने का ऑफर मिला कि वह भोपाल में बैंक खाते खरीदकर साइबर ठगों को उपलब्ध कराए और बदले में मोटी रकम कमाए। इस लालच में आकर उसने अपने जान-पहचान के लोगों से संपर्क किया और उन्हें पांच-पांच हजार रुपये का लालच देकर बैंक खाते खुलवाने के लिए राजी किया।

इसके बाद यह गिरोह धीरे-धीरे सक्रिय होता गया। लोग लालच में आकर बैंक खाते खुलवाने लगे और फिर वे खाते साइबर ठगों को 30-30 हजार रुपये में बेच दिए जाते। बिहार के बेतिया में बैठे साइबर अपराधी इन खातों का इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए कर रहे थे।

दिल्ली पुलिस की सूचना के बाद भोपाल में हुई गिरफ्तारी

हाल ही में दिल्ली में हुए एक बड़े साइबर ठगी के मामले में जब पुलिस ने जांच शुरू की तो ठगों के बैंक खातों की पड़ताल के दौरान कुछ संदिग्ध अकाउंट सामने आए। जब इन खातों की बारीकी से जांच की गई, तो उनके तार भोपाल से जुड़े पाए गए। इस सूचना के आधार पर भोपाल पुलिस हरकत में आई और छानबीन शुरू की।

जांच में यह सामने आया कि कई संदिग्ध बैंक खातों का संचालन भोपाल से किया जा रहा था। पुलिस ने जब इन खातों की जानकारी जुटाई, तो वह सीधे-सीधे तरुण राय और उसके साथियों तक पहुंच गई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तरुण राय, अजय राय और करण वाल्मिक को गिरफ्तार कर लिया।

बैंक खातों में हुआ करोड़ों रुपये का लेन-देन

पुलिस जांच में अब तक 13 बैंक खातों की जानकारी सामने आई है, जिनमें करीब आठ करोड़ रुपये से अधिक का संदिग्ध लेन-देन पाया गया है। अधिकारियों का मानना है कि यह गिरोह काफी बड़ा हो सकता है और अभी भी कई अन्य लोग इस जालसाजी में शामिल हो सकते हैं। पुलिस फिलहाल अन्य बैंक खातों की भी जांच कर रही है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह रैकेट कितने राज्यों तक फैला हुआ है।

इस मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस पूछताछ में तरुण राय ने बताया कि भोपाल में जिन लोगों को झांसा देकर बैंक खाते खुलवाए जाते थे, उनमें खाताधारक का मोबाइल नंबर नहीं बल्कि बिहार के ठगों का मोबाइल नंबर दर्ज किया जाता था। ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि जब भी कोई ऑनलाइन ट्रांजेक्शन हो, तो उसका ओटीपी और अलर्ट सीधे ठगों के पास पहुंचे और असली खाताधारक को इसकी भनक तक न लगे।

Prithavi Raj

मैं राजस्थान के सीकर जिले का रहने वाला हूँ और LLB की हुई हैं। वकील होने के साथ-साथ मुझे लोकल न्यूज़ पढ़ना और लिखना काफी पसंद है। मैंने 7 साल से कई बड़े न्यूज़ पोर्टल पर अपना योगदान दिया है।

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