मध्य प्रदेश में आम आदमी पार्टी (AAP) की स्थिति अब सवालों के घेरे में है। जिस तेजी से यह पार्टी बनी और आगे बढ़ी थी अब उसी रफ्तार से इसके संगठन का ढांचा कमजोर होता नजर आ रहा है। भोपाल में पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर ताला लग चुका है और चौंकाने वाली बात यह है कि खुद पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल और भोपाल जिला अध्यक्ष सीपी सिंह को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
अध्यक्ष को खबर तक नहीं, कब और कैसे बंद हुआ प्रदेश कार्यालय?
भोपाल के सुभाष नगर में स्थित आम आदमी पार्टी का प्रदेश कार्यालय बंद हो चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पार्टी की गतिविधियां पिछले दो महीनों से ठप पड़ी थीं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि जब प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पूरे मामले से अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है और वह भोपाल के पदाधिकारियों से इस पर बातचीत करेंगी।
दूसरी ओर, भोपाल जिला अध्यक्ष सीपी सिंह चौहान ने भी इस मामले से पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने साफ कहा कि उनका जिला कार्यालय नरेला शंकरी में स्थित है और प्रदेश कार्यालय से जुड़े मामलों की उन्हें कोई जानकारी नहीं है। यह बयान साफ तौर पर दिखाता है कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और स्थानीय संगठन के बीच संवादहीनता की गंभीर समस्या है।
बंद होने की असली वजह – दो महीने से नहीं चुकाया किराया
सूत्रों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी ने बीते दो महीने से अपने प्रदेश कार्यालय का किराया नहीं चुकाया था। मकान मालिक ने कई बार किराया मांगा लेकिन भुगतान न होने की वजह से उन्होंने आखिरकार कार्यालय में ताला लगा दिया। बताया जा रहा है कि पार्टी पर 50 से 60 हजार रुपए बकाया था, जिसे चुकाने में संगठन पूरी तरह विफल रहा।
यहां तक कि मकान मालिक को यह भी डर था कि रात के अंधेरे में कोई कार्यकर्ता आकर ऑफिस का सामान निकालकर न ले जाए। इसी कारण से कार्यालय के पास एक पोकलेन मशीन (JCB) भी लगा दी गई, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी तरह से सामान को चोरी-छिपे न निकाला जाए।