नई दिल्ली और जयपुर में CBI ने एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया है, जिसमें बेरोजगार युवाओं को DRDO (रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन) में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे जा रहे थे। इस गिरोह के खिलाफ CBI ने जयपुर और दिल्ली में तीन ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें कई अहम दस्तावेज और फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किए गए हैं।
कैसे चल रहा था ठगी का खेल?
गिरोह बड़े ही सोचे समझे तरीके से बेरोजगार युवाओं को अपनी जालसाजी का शिकार बना रहा था। युवाओं को DRDO में चपरासी, सफाई कर्मचारी, मल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS) और लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC) जैसे पदों पर नौकरी दिलाने का झांसा दिया जाता। इसके लिए उनसे 5 लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक की मोटी रकम वसूली जाती थी।
रकम जमा कराने के बाद ठगों का अगला कदम होता था – उम्मीदवारों को विश्वास में लेना। इसके लिए पीड़ितों को स्वास्थ्य परीक्षण के बहाने अलग-अलग स्थानों पर भेजा जाता। नई दिल्ली के सदर बाजार दिल्ली छावनी में इस गिरोह का एक फर्जी कार्यालय भी संचालित किया जा रहा था, जहां से पूरी ठगी को अंजाम दिया जाता था।
जब पीड़ित पूरी तरह इनके जाल में फंस जाता तो उसे एक फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया जाता और ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता। जयपुर के मेट्रोपोलिस टावर में गिरोह का एक फर्जी ट्रेनिंग सेंटर भी चल रहा था, जहां से CBI ने छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज और नियुक्ति पत्र बरामद किए हैं।
CBI की जांच में हुआ बड़ा खुलासा
CBI इस पूरे मामले को गहराई से खंगाल रही है। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस गिरोह में सरकारी अधिकारियों की कोई मिलीभगत थी या नहीं। इसके अलावा यह गिरोह कितने राज्यों में सक्रिय था और कितने बेरोजगारों को ठग चुका है, इसकी भी जांच जारी है।
सीबीआई ने जयपुर में दो और दिल्ली में एक स्थान पर छापेमारी की है। इस दौरान कई अहम सबूत हाथ लगे हैं, जिनसे गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है। अभी तक कितने लोग इस ठगी के शिकार हुए हैं, इसकी सटीक संख्या सामने नहीं आई है, लेकिन प्राथमिक जांच में कई पीड़ितों की जानकारी मिल चुकी है।
Disclaimer: सरकारी नौकरियों की चाह रखने वाले युवाओं को खास सावधान रहने की जरूरत है। कोई भी नियुक्ति पत्र प्राप्त करने से पहले उसकी पूरी जांच करें और अगर कोई भी संदेहास्पद गतिविधि नजर आए तो तुरंत पुलिस या संबंधित विभाग को सूचित करें।