राजस्थान में 10 अप्रैल से शुरू होगी सरसों और चने की समर्थन मूल्य पर खरीद, 1 अप्रैल से पंजीकरण अनिवार्य

राजस्थान में किसानों को राहत देते हुए सरकार ने आगामी रबी सीजन 2025-26 के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरसों और चने की खरीद 10 अप्रैल से शुरू करने की घोषणा की है।

By Prithavi Raj

Published on:

1:30 PM

जयपुर। राजस्थान के किसानों के लिए खुशखबरी है। अब उनकी मेहनत का पूरा दाम मिलेगा, क्योंकि राज्य में सरसों और चने की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर जल्द शुरू होने वाली है। सरकार ने फैसला किया है कि 10 अप्रैल से ये खरीद शुरू होगी, ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में आसानी हो। इसके लिए पंजीकरण की प्रक्रिया भी 1 अप्रैल से शुरू हो जाएगी। यानी किसानों को थोड़ा इंतजार करना होगा, लेकिन तैयारी अभी से शुरू कर देनी चाहिए। इस बार राज्य में सरसों का उत्पादन करीब 62 लाख मीट्रिक टन और चने का उत्पादन लगभग 23 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद है। सरकार ने तय किया है कि इसमें से सरसों की 13.89 लाख मीट्रिक टन और चने की 6.30 लाख मीट्रिक टन की खरीद की जाएगी।

खरीद का काम इस बार बड़े स्तर पर होगा और इसके लिए दो बड़ी एजेंसियां जिम्मेदारी संभालेंगी। सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने बताया कि इस बार नेफेड यानी भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ के साथ-साथ एनसीसीएफ यानी भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारिता संघ भी खरीद का काम करेगा। पूरे राज्य में इसके लिए 505 क्रय केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से एनसीसीएफ को 217 और नेफेड को 288 केंद्रों की जिम्मेदारी दी गई है। मंत्री ने यह भी बताया कि खरीद का काम क्षेत्रों के हिसाब से बांटा गया है। अजमेर, जोधपुर, बीकानेर और कोटा के 19 जिलों में एनसीसीएफ काम करेगा, जबकि जयपुर, उदयपुर, श्रीगंगानगर और भरतपुर के 21 जिलों में नेफेड खरीद की कमान संभालेगा। इससे किसानों को अपने नजदीकी केंद्र पर आसानी से उपज बेचने का मौका मिलेगा।

क्या होगा समर्थन मूल्य?

किसानों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को भी आसान बनाया गया है। इसके लिए उन्हें ई-मित्र के जरिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। पंजीकरण के दौरान किसानों को अपनी गिरदावरी और पासबुक की जानकारी अपलोड करनी होगी। खरीद का पूरा काम बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर होगा, यानी कोई गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी। सरकार ने सरसों का समर्थन मूल्य 5950 रुपये प्रति क्विंटल और चने का मूल्य 5650 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। किसान अपनी उपज को नजदीकी क्रय-विक्रय सहकारी समिति या ग्राम सेवा सहकारी समिति के केंद्र पर बेच सकेंगे। इससे उन्हें दूर तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और समय की भी बचत होगी।

इसके साथ ही सरकार ने किसानों की मदद के लिए एक खास कदम उठाया है। राजफैड में एक कॉल सेंटर शुरू किया गया है, जिसका नंबर 18001806001 है। अगर किसानों को कोई परेशानी हो या जानकारी चाहिए, तो वे इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं। सहकारिता मंत्री ने किसानों से अपील की है कि वे अपनी फसल को अच्छे से साफ करके और छानकर केंद्रों पर लाएं। इससे उनकी उपज की गुणवत्ता बनी रहेगी और उन्हें पूरा दाम मिल सकेगा।

Prithavi Raj

मैं राजस्थान के सीकर जिले का रहने वाला हूँ और LLB की हुई हैं। वकील होने के साथ-साथ मुझे लोकल न्यूज़ पढ़ना और लिखना काफी पसंद है। मैंने 7 साल से कई बड़े न्यूज़ पोर्टल पर अपना योगदान दिया है।

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