पैरों में काला धागा बांधना पुरुषों और महिलाओं दोनों में बहुत ट्रेंड में है लेकिन आपको पता है ऐसा करने की असली वजह क्या है? कुछ लोग ऐसा फैशन के चलते करते है पर इसके पीछे बहुत बड़ा कारण है।
इस टाइम पर छोटे बच्चों से लेकर जवान और वृद्ध लोगों के पैरों में काला धागा बांधा हुआ देखा है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से काला रंग शनिदेव का प्रतीक होता है जो हमें बुरी नजर लगने से बचाता है। वैसे तो काला धागा बांधने की कई फायदे हैं लेकिन इससे अनजाने में कई नुकसान हो जाते है।
काला धागा बांधने से होने वाले फायदे
टखने पर काला धागा पहनना नेगेटिव एनर्जी और बुरी नजर से बचाने का एक प्राचीन उपाय माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार यह शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और इसे पहनने से शनि देव का आशीर्वाद मिलता है जो जीवन में आने वाली बाधाओं को कम करता है। काले धागे की पायल आर्थिक समृद्धि, स्वास्थ्य में सुधार और राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से बचाव में मदद करती है। यह पैरों की चोटों को ठीक करने, पेट दर्द को कम करने और बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी लाभकारी माना जाता है।
काला धागा नहीं बांधने का कारण
काला धागा बांधने के बाद सभी सोच लेते हैं कि उन्हें कोई बुरी नजर नहीं लगेगी लेकिन एक एस्ट्रोलॉजर के मुताबिक अपने पैरों में काला धागा कभी भी नहीं बांधे क्योंकि ऐसा करने से उनका शनि उनके पैरों में आ जाता है और उन्हें हमेशा घसीटा रहता है और उनके लिए समस्या बनाता रहता है। यह बात एस्ट्रोलॉजर अंजू ठाकुर ने हाल ही में अपने एक वीडियो में बताई थी।
यह बात तो आपने सुनी होगी कि शनि जाते हुए और लक्ष्मी आती हुई अच्छी लगती है। मगर आप खुद ही शनि को अपने पैरों में बांध लेंगे तो आपका शनि कैसे ठीक हो पाएगा। शनि देव तो आपको हेल्थ इश्यूज देकर या फाइनेंशियल प्रोबलम देकर तंग करेंगे ही। हमें शनि देव को मान सम्मान देना चाहिए उन्हें पैरों की जगह हाथ या गले में पहन लेना चाहिए।